अकसर कुछ लोगो के मन में यह सवाल आता हैं कि यौगिक जीवन कैसा होना चाहिए? what is importance of yoga in day to day life तो आईए यहां आपके इस सवाल का उत्तर जानते है। जिसके माध्यम से आप अपनी यौगिक जीवनशैली को और भी बेहतर बना सकें। इस ब्लॉग में हम जानेंगे की सुबह योग करने से क्या लाभ होता है, यौगिक जीवन में भोजन किस प्रकार का हों जिससे अधिक से अधिक लाभ मिल सके? और प्राणायाम व ध्यान आदि के क्या फ़ायदे है।
सुबह उठकर योग करने के फ़ायदे
योग करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त के समय को सबसे उचित समय माना गया हैं। इस योग करने के अनेक फायदे हैं। जब हम सुबह उठते हैं, तो हमारा दिमाग शांत रहता है, और इस समय योग करने से अनेक फायदे होते हैं,और इस समय योग करने से हमारे जीवन में सकारात्मकता आती है। सुबह योग करने से शरीर ऊर्जावान हो जाता है जिससे हमारे शरीर में दिनभर ऊर्जा बनी रहती है और इसके अलावा, सुबह योग करने से हमारा मन और शरीर दोनों सशक्त होते हैं, जिससे हम दिनभर के कार्यों को अच्छे से कर पाते हैं। नियमित योग से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक शांति और स्थिरता भी प्राप्त होती है। सुबह योग करने से हमारा पाचन तंत्र भी बेहतर होता है और हम ताजगी से भरे रहते हैं। इसलिए, सुबह के समय योग करना हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। अर्थात् इस तरह का यौगिक जीवन होना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है साबित होगा।
योग का दैनिक जीवन में महत्व
योग हमारे दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा बन सकता है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। योग हमें तनाव से मुक्त करता है, ऊर्जा बढ़ाता है और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है। दिनभर की भागदौड़ में योग के माध्यम से हम अपने शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं, जिससे हमारा ध्यान, कार्यक्षमता और स्वास्थ्य बेहतर होते हैं।
एक भारतीय पुरुष के लिए दैनिक दिनचर्या तालिका
समय | गतिविधि | विवरण |
---|---|---|
5:00 AM | जागरण | जल्दी उठें, पानी पिएं और ताजगी महसूस करें। |
5:30 AM | प्रातःकाल योगासन और प्राणायाम | सूर्य नमस्कार, कपालभाति, अनुलोम विलोम – 30 मिनट |
6:30 AM | स्नान | स्नान कर खुद को ताजगी दें। |
7:00 AM | हल्का नाश्ता | फल, दलिया, या हल्का नाश्ता लें। |
8:00 AM | कार्य | दिन का प्रमुख काम शुरू करें। |
11:00 AM | छोटा ब्रेक और स्ट्रेचिंग | 5 मिनट के लिए ताड़ासन और वज्रासन करें। |
1:00 PM | दोपहर का भोजन | संतुलित भोजन करें जिसमें सलाद, सब्जी और रोटी हो। |
2:00 PM | हल्का विश्राम या ध्यान | 10-15 मिनट के लिए ध्यान करें, शरीर और मन को विश्राम दें। |
4:00 PM | शाम का स्नैक्स और चाय | हल्का स्नैक्स और चाय/ग्रीन टी। |
5:00 PM | टहलना या हल्का व्यायाम | 20-30 मिनट के लिए टहलें या हल्का व्यायाम करें। |
6:00 PM | संध्या योगासन और प्राणायाम | वज्रासन, भ्रामरी, शवासन – 15 मिनट |
7:30 PM | परिवार समय | परिवार के साथ समय बिताएं और बातचीत करें। |
8:30 PM | रात का भोजन | हल्का भोजन करें जैसे दाल, सब्जी, और चपाती। |
9:30 PM | विश्राम और पढ़ाई | किताब पढ़ें या ध्यान में बैठें। |
10:00 PM | सोने की तैयारी | सोने से पहले 5 मिनट भ्रामरी प्राणायाम करें। |
10:30 PM | नींद | 7-8 घंटे की गहरी नींद लें। |
अपने यौगिक जीवनशैली में शामिल करे सात्विक भोजन : प्रकृति की गोद से, सीधा आपकी थाली में
आहार को तीन गुणों के आधार पर विभाजित किया गया है: सात्विक, राजसिक, और तामसिक। सात्विक आहार का अर्थ है – शुद्ध तत्वों वाला या जिसमे शुद्धता के गुण हो। जो भोजन बहुत अम्ल, लवण , बहुत गरम और तीखा मिर्च से भरा होता है,वह राजसिक आहर है। तामसिक आहार वह है जो अधिक पका हुआ, बासी, प्रदूषित तथा अशुद्ध भोजन हैं।
आयुर्वेद और योग साहित्य में सात्विक आहार का बहुत महत्व हैं। सात्विक भोजन मैं प्रकृति द्वारा ताज़ी चीज़े शामिल हैं जैसे: हरी सब्जियां दूध नट्स, गुड़ और फल, शहद , अंकुरित अनाज, व केले आदि सात्विक भोजन का हिस्सा है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करके अपनी सेहत बना सकते हैं।
योग में नियमितता:
योग करने के लिए एक नियत समय का चयन करे। योग का समय सुबह हो तो बेहतर हैं। आपका यौगिक जीवन कैसा होना चाहिए इस बात का ध्यान रखने के साथ आपके योग में कितनी नियमितता हैं यह भी समझना अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि इससे शरीर को बेहतर तरीके से लाभ पहुंचता है, रक्त संचार में सुधार और मानसिक तनाव भी कम होता है।
ध्यान और प्राणायाम: स्वस्थ तन और निर्मल मन
आपके यौगिक जीवनशैली में ध्यान और प्राणायाम महत्वपूर्ण रुप से होना चाहिए भूमिका निभाते हैं। यह योग का ही एक घटक हैं। शारीरिक व्यायाम के साथ-साथ मानसिक रूप से भी मज़बूत बनना जरूरी हैं। यह हमारे तन के साथ मन को भी निर्मल बनाते है।
ध्यान एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने चंचल मन को एकाग्रता की ओर ले जाने का अभ्यास करता है। ध्यान के कई रूप है। जिसमे मुख्य रूप से अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करना होता है। आज की स्ट्रेस भरी जीवनशैली में ध्यान मन को शान्ति प्रदान करने के साथ व्यक्ति में करुणा का भाव, प्रेम%2