जमशेदपुर : टाटा स्टील की शत प्रतिशत सब्सिडियरी वाली कंपनी टाटा स्टील यूआइएसएल की अधीकृत यूनियन टाटा स्टील यूटिलिटी एंड सर्विसेज यूनियन के चुनाव के बाद भी विवाद और गहराता जा रहा है. अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय की टीम द्वारा विपक्ष पर लगाये गये आरोप के जवाब में विपक्ष से महामंत्री पद के लिए चुनाव लड़ चुके पूर्व कोषाध्यक्ष गोपाल जायसवाल ने सत्ताधारी रघुनाथ पांडेय और उनकी टीम पर हमला बोला है.

गोपाल जायसवाल ने पलटवार करते हुए कहा की हमारी टीम कर्मचारियों की थी, है और आगे भी रहेगी. कुछ लोग कुर्सी की लालच में बाहरी व्यक्ति का साथ देते हैं ताकि उनको सत्ता हासिल हो सके. गोपाल जायसवाल ने कहा कि वे लोग कर्मचारियों के लिये ईमानदारी से पिछले कार्यकाल में काम किए क्योंकि कर्मचारियों ने उन लोगों को जीताकर भेजे थे. रघुनाथ पांडेय और उनकी टीम को उन लोगों के खिलाफ बयान देने के पहले अपनी याद्दाश्त को ठीक करनी चाहिए. अमरनाथ तिवारी और सीडीएस कृष्णन पिछले चुनाव मे वर्किंग प्रेसिडेंट और महामंत्री के पद पर जीतकर आयें थें, ना की वाईपी सिंह और वीडी गोपाल. उन्होंने कहा कि यही फर्क हैं चाटुकारों और हमलोगो के बीच. जो रघुनाथ पांडेय ने कहा कि इन लोगों ने बिना सोचे समझे बयान दे दिया. रघुनाथ पांडेय एवं उनकी टीम ने पिछले 17 साल मे जो कार्य नहीं कर सके. उस कार्य को हमलोगों ने मात्र ढाई साल के कार्यकाल मे किया और आज उनके चमचे बयान दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पूरे कार्यकाल में इन लोगों का दोहरा चरित्र लोगों ने देखा है. एकतरफ रघुनाथ पांडेय को अपशब्द बोलतें हैं और उसके बाद पैर पूजते हैं. उन्होंने कहा कि उन लोगों का कार्यकाल एक स्वणिंम युग था. रघुनाथ पांडेय ने पिछले चुनाव मे भी बेईमानी की थी जिसका उन लोगों ने जमकर विरोध किया था. धरने पर भी वे लोग बैठें थे. उन्होंने कहा कि शायद अमरनाथ तिवारी और सीडीएस कृष्णन भूल गए, उस समय भी अश्विनी माथन और सीएस झा ने गलत किया था. गलत कार्यों का विरोध हर समय करेगी हमारी टीम, अब रघुनाथ पांडेय ने एक नया ट्रेंड बना लिया है. कॉउंटिंग के समय घपला लोकतंत्र के लिए दूरगामी परिणाम बहुत ही खराब होगा. अमरनाथ तिवारी और सीडीएस कृष्णन के लिये यही सुझाव है कि जयचंद की भूमिका निभाना छोड़ें और अपने कर्मचारियों के प्रति ईमानदार बने. इस बार के चुनाव मे अश्विनी माथन, सीएस झा और सरोज पांडेय ने नीचता की सारी हदें पार कर दी थी. उनको यह भी मालूम होना चाहिए कि टाटा स्टील के कर्मचारी भी उनकी इस कृत्य को देख लिये हैं, उन्हें भी अगले टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव मे कर्मचारी जरूर सबक सिखायेंगे.