जमशेदपुर : टाटा स्टील के फेरो एलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) ने पर्यावरणीय जिम्मेदारी और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की है. कंपनी ने आरइ, डब्ल्यूआइ, आरइ, पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के माध्यम से पुराने वाहनों के निपटान की अपनी पहली योजना शुरू की है. यह पहल संसाधनों के कुशल पुनर्चक्रण और हरित भविष्य की दिशा में टाटा स्टील की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह पहल कंपनी के सुकिंदा क्रोमाइट माइंस कैंपस, जाजपुर में शुरू की गई, जहां टाटा स्टील के वीपी सीएस चाणक्य चौधरी, रॉ मैटेरियल वाइस प्रेसिडेंट डीबी सुंदरा रामम, वाइस प्रेसिडेंट सेफ्टी, हेल्थ और सस्टेनेबिलिटी राजीव मंगल, एफएएमडी इआइसी पंकज सतीजा, इंडसह्ट्रियल बाय प्रोडक्ट के इआइसी दीपंकर दासगुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. वाहन निपटान कार्यक्रम का उद्देश्य पुराने और अनुपयोगी हो चुके वाहनों का जिम्मेदारीपूर्वक और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से निपटान सुनिश्चित करना है. टाटा मोटर्स आरइ, डब्ल्यूआइ, आरइ के साथ साझेदारी के तहत टाटा स्टील यह सुनिश्चित कर रहा है कि वाहनों को निर्धारित पर्यावरणीय मानकों और भारत सरकार की वाहन स्क्रैपेज नीति के अनुरूप सुरक्षित रूप से नष्ट कर पुनर्चक्रित (रिसाइकिल) किया जाए.
यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि खतरनाक सामग्री का सही तरीके से निपटान किया जाए और स्टील व अन्य धातुओं जैसे मूल्यवान घटकों को पुनः प्राप्त कर दोबारा उपयोग में लाया जाए, जिससे कच्चे संसाधनों की आवश्यकता कम हो. टाटा स्टील की व्यापक सस्टेनेबिलिटी रणनीति के तहत यह पहल न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक है, बल्कि सर्कुलर इकोनॉमी की दिशा में कंपनी की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करती है. जिम्मेदार वाहन निपटान और पुनर्चक्रण के जरिए टाटा स्टील अपने पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करने के साथ-साथ उद्योग के लिए एक मिसाल कायम कर रही है. यह नया कार्यक्रम टाटा स्टील की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है, जो औद्योगिक उत्कृष्टता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी दोनों के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है. यह पहल अन्य कंपनियों को भी ऐसे स्थायी समाधान अपनाने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे हरित और सतत भविष्य की दिशा में प्रगति को और गति मिलेगी.