जमशेदपुर : टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट की अधीकृत यूनियन टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन की आमसभा विवादों में फिर गया है. टाटा मोटर्स के कर्मचारी अभय कुमार सिंह ने इसको लेकर जमशेदपुर के उपश्रमायुक्त से शिकायत की है और मांग की है कि आमसभा को निरस्त किया जाये क्योंकि यह असंवैधानिक तरीके से कराया गया है. टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन का नये सिरे से चुनाव कराने की मांग की गयी है. अपनी शिकायत में अभय कुमार सिंह ने कहा है कि टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन (निबंधन संख्या -211) के द्वारा 3 फरवरी को आमसभा (एजीएम) कराया गया है जिसकी जानकारी सभी यूनियन सदस्यों को नहीं दी गयी है. आम सभा में अखबार पत्रों में 4658 सदस्यों की उपस्थिति दर्शाया गया है जो कि निराधार है.
आम सभा स्थल की जांच कर यह साबित हो सकता है कि उस स्थल पर इतने लोगों की सभा संभव ही नहीं है. जब यूनियन का चुनाव 26 नवंबर 2024 को कराया गया है और कराए गए चुनाव का मामला श्रम विभाग में जांच प्रक्रिया के अंतर्गत है. अभी तक श्रम विभाग द्वारा रजिस्टर बी में दर्ज नहीं किया गया है. इसका तात्पर्य यह है कि श्रम विभाग द्वारा मान्यता नहीं मिला है जबकि यह भी सत्य है कि यूनियन का संवैधानिक कार्यकाल समाप्त हो चुका है तो फिर किस अधिकार के तहत यूनियन द्वारा कंपनी परिसर के भीतर में आम सभा कराया गया और प्रबंधन के द्वारा कंपनी परिसर में स्थान उपलब्ध कराया गया जबकि पूर्व से ही आरोप है कि यूनियन के द्वारा सदस्यों को डराकर चुनाव और आमसभा का केवल खानापूर्ति मात्र किया जाता है. यूनियन द्वारा पूर्व में भी किए गए सभी कार्यों में आपत्ति दर्ज होती रही है. इसके बावजूद भी यूनियन के द्वारा मनमानी तरीके से अनियमितता बरती जा रही है.
कंपनी परिसर में यूनियन के सलाहकार प्रवीण सिंह की भूमिका भी संदिग्ध है जबकि यह यूनियन के सदस्य और कंपनी के कर्मचारी भी नहीं है और इनकी उपस्थिति कंपनी परिसर के भीतर आमसभा में प्रत्यक्ष उपस्थिति होना जबकि इन्हें पूर्व में टाटा मोटर्स प्रबंधन द्वारा ब्लैकलिस्टेड किया गया है. इससे साफ प्रतीत होता है कि यूनियन और कंपनी के कुछ अधिकारी द्वारा गलत तरीके से प्रक्रिया कर मजदूरों में भय और श्रम विभाग को गुमराह करने का षड्यंत्र है. शिकायत में बताया गया है कि श्रम विभाग को यह भी जानकारी करनी चाहिए कि यूनियन द्वारा 2021 से 2024 के कार्यकाल के बीच में कब और कितनी बार आम सभा कराया गया है. इसकी जांच की जाए. चुनाव के मात्र दो महीने बाद आमसभा कराना जबकि यूनियन की मान्यता वर्म विभाग के द्वारा नहीं मिला है फिर भी यूनियन की मनमानी और अपने आप को ऐन केन प्रकारेण पद पर बने रहने का षड्यंत्र करना उनकी मानसिकता को दर्शाता है.
यह बताया गया कि यूनियन द्वारा अपने सदस्यों को गुमराह कर कार्य किया जाता रहा है. क्या यूनियन के प्रतिनिधि द्वारा आम सभा में यूनियन के सदस्यों को बताया गया है कि यूनियन के द्वारा 26 नवंबर 2024 के चुनाव का श्रम विभाग द्वारा जांच किया जा रहा है और वर्तमान समय में श्रम विभाग द्वारा मान्यता नहीं मिला है. अगर नहीं मिला है तो फिर यह सदस्यों के साथ धोखा और गुमराह कर मजदूरों के अधिकार का हनन किया जा रहा है. इन्हें किसने यह अधिकार दिया. इसकी जानकारी हमें स्पष्ट रूप से मिलनी चाहिए क्योंकि इस तरीके का कार्य न्याय संगत नहीं है बल्कि सदस्यों का अधिकार हनन करने का कुकृत्य है. यूनियन द्वारा बार-बार श्रम विभाग के कानून को निष्क्रिय और अपने अधीन समझ कर कार्य किया जाता रहा है इस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है. अभय सिंह ने कहा है कि इस कार्यशैली में किए गए कार्यों पर कड़ी आपत्ति है इस कारण आमसभा को तत्काल निरस्त किया जाये.