जमशेदपुर : झारखंड एबओरिजिनल कुड़मी पंच बनाम केंद्र सरकार और अन्य मामले में रांची उच्च न्यायालय में न्यायाधीश राजेश शंकर की पीठ में सुनवाई हुई. ज्ञातव्य है कि किसी अजीत उरांव ने किसी झारखण्ड क्षत्रिय पहाड़ा समिति की तरफ से एक पिटीशन दायर कर प्रार्थना की थी कि उच्च न्यायालय के इस मामले में 8 अप्रैल 2024 के दिये गये आदेश को रिकाल किया जाये क्योंकि उक्त मामले को बिना झारखंड क्षत्रिय पहाड़ा समिति को सुने ही अदालत द्वारा स्वीकृत कर लिया गया था. रिट पिटीशनर के अधिवक्ता आकाशदीप ने उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान कहा कि हमारा रिट मूलत: केंद्र सरकार के खिलाफ है.
इस रिट पिटीशन को चुनौती देने का अधिकार किसी प्राईवेट पार्टी को नहीं है. हमने केंद्र सरकार से पूछा है कि हमारी कम्युनिटी को आपने ओबीसी के लिस्ट में संविधान के किस अनुच्छेद के तहत या किस कानून के तहत डाला उसका खुलासा कर दें उससे ही इस रिट का और इस विवाद का निपटारा हो जायेगा पर केंद्र सरकार ने निर्देश के बावजूद अब तक कोई भी हलफनामा दायर नहीं किया है.
इसके बाद न्यायाधीश ने उक्त झारखंड क्षत्रिय पहाड़ा समिति के पिटीशन को खारिज कर दिया और रिट पिटीशन को मेरिट पर सुनने के लिए निर्देश जारी कर दिया. रिट पिटीशनर डाक्टर बीबी महतो की तरफ से अधिवक्ता आकाशदीप ने प्रतिनिधित्व किया. झारखंड एबओरिजिनल कुड़मी पंच यह केंद्र सरकार से जानना चाहता है कि कुड़मी को ओबीसी का दर्जा कैसे दिये है और कानून क्या है. इसको लेकर एक याचिका दायर की गयी है. पहले इस मामले में कोलकाता हाईकोर्ट में भी दायर किया गया था, जिसकी सुनवाई चल रही है.