कोलकाता : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जिस तेजी से आज तकनीक बदल रहे हैं. उसमें एक मजबूत एवं विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए राज्यों के बीच बेहतर संबंध, समन्वय तथा भागीदारी होना अत्यंत जरूरी है. इस कड़ी में राज्यों में आयोजित होने वाले ग्लोबल बिजनेस जैसे समिट की काफी निर्णायक भूमिका होती है. इससे एक राज्य का अन्य राज्यों तथा देशों से बेहतर व्यापारिक रिश्ते बनते हैं. निवेश और नई टेक्नोलॉजी से विकास की नई संभावनाएं बनती है. मुख्यमंत्री बुधवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता के न्यू टाउन स्थित बिस्वा बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में शुरू हो रहे दो दिवसीय बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट – 2025 के आठवें संस्करण के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में आयोजित हो रहे इस समिट में देश – विदेश के कई गणमान्य, उद्यमी एवं निवेशक भाग ले रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समिट में मुझे देश -विदेश से आये मेहमानों और उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है. इससे यह जानने- समझने का अवसर मिलेगा कि निवेशकों के सहयोग से झारखंड के समग्र विकास की दिशा में कैसे आगे बढ़ सकते हैं. मैं इसी आशा और उम्मीद से बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट – 2025 में आए उद्यमियों तथा निवेशकों को झारखंड आमंत्रित करता हूं. आप निवेश करें, ताकि विकास के मामले में झारखंड राज्य भी तेजी से आगे बढ़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का एक ऐसा राज्य है, जहां देश का लगभग 40 प्रतिशत खनिज संसाधन पाया जाता है. कई खनिज एवं उद्योगों के लिए जरूरी रॉ मैटेरियल्स का झारखंड सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था में यह राज्य अहम भूमिका निभाता रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां कई खनिज आधारित उद्योग लंबे समय से स्थापित हैं. कई औद्योगिक घरानों ने यहां निवेश किया है. लेकिन, वर्तमान परिवेश में इस राज्य को और आगे ले जाने की जरूरत है. इसके लिए यहां नए-नए उद्योग लगे, इसके लिए नए सिरे से पहल कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में खनिज आधारित उद्योगों के साथ-साथ कला- संस्कृति एवं पर्यटन जैसे अनेकों क्षेत्र में विकास और निवेश की अपार संभावनाएं हैं.
झारखंड देश का सबसे ज्यादा तसर उत्पादक राज्य है, ऐसे में टेक्सटाइल क्षेत्र में भी यह राज्य आगे बढ़ सकता है. कला- संस्कृति के मामले में झारखंड की गिनती समृद्ध राज्यों में होती है. यहां के नेचुरल ब्यूटी को देखते हुए पर्यटन के क्षेत्र में भी झारखंड निवेशकों की पहली पसंद बन सकता है. उन्होंने उद्यमियों से कहा कि आप झारखंड आएं, सरकार आपको पूरा सहयोग करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड और पश्चिम बंगाल एक- दूसरे से काफी करीब हैं. इन दोनों ही राज्यों में चल रही कई गतिविधियां एक जैसी ही है। ऐसे में यह बताना मुश्किल है कि कौन गतिविधि झारखंड और कौन बंगाल की है. दोनों ही राज्य कई मामलों में एक जैसी गतिविधियों के साथ निरंतर आगे बढ़ रहे हैं. इस तरह की पहल से दोनों ही राज्यों के समग्र विकास का नया रास्ता खुल रहा है.
रिलायंस के मुकेश अंबानी ने बंगाल में दस साल में 1 लाख करोड़ करने की घोषणा की
दूसरी ओर, इस कार्यक्रम में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भी हिस्सा लिया. मुकेश अंबानी ने यहां घोषणा की कि पिछले करीब एक दशक में रिलायंस ने प्रदेश में अपना निवेश 2 हजार करोड़ से बढ़ाकर 50 हजार करोड़ कर दिया है, जिसे 2035 तक 1 लाख करोड़ करने का प्रस्ताव है. बंगाल ग्लोबल समिट में बोलते हुए मुकेश अंबानी ने कुल पांच महत्वपूर्ण घोषणाएं की. जियो के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि कोलकता स्थित डेटा सेंटर को अत्याधुनिक एआइ-तैयार डेटा सेंटर में तब्दील किया जा रहा है. यह अगले 9 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. यह डेटा सेंटर बंगाल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तकनीकें उपलब्ध कराएगा. इससे अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. रिटेल क्षेत्र में अंबानी ने अगले तीन वर्षों में 400 नए स्टोर खोलने की घोषणा की. अभी रिलायंस बंगाल में 1300 से अधिक स्टोर्स का नेटवर्क चलाता है. इसे तीन सालों में बढ़ाकर 1700 किया जाएगा. इससे नई नौकरियां भी पैदा होंगी. बताते चलें कि रिलायंस ने विभिन्न क्षेत्रों में, बंगाल में अब तक 1 लाख से भी अधिक नौकरियां दी हैं. बंगाल के कारीगरों को वैश्विक पहचान दिलाने का वायदा भी मुकेश अंबानी ने समिट में किया. उन्होंने कहा कि बंगाल के कारीगरों के उत्पादों को पूरी दुनिया में उपलब्ध कराने के लिए ‘स्वदेश’ एक मंच के तौर पर काम करेगा. स्वदेश के स्टोर लंदन, न्यूयॉर्क और पेरिस में खोले जाएंगे जहां बंगाल की बेहतरीन जामदानी और तांत साड़ियां, बालूचरी, मुर्शिदाबाद, बिष्णुपुर और टसर सिल्क साड़ियां, कांथा साड़ियां, मसलिन के साथ-साथ बंगाल में बने जूट और खादी उत्पाद बेचे जाएंगे. सोलर एनर्जी को भविष्य का एनर्जी सोर्स बताते हुए उन्होंने कहा कि रिलायंस बंगाल की हरित अर्थव्यवस्था में योगदान देना चाहेगा. हमारा आदर्श वाक्य है-सोनार बांग्ला के लिए सौर बांग्ला-हम सौर ऊर्जा क्षेत्र में योगदान करने के लिए तैयार हैं. रिलायंस फाउंडेशन, राज्य सरकार के साथ मिलकर कालीघाट मंदिर का जीर्णोद्धार कर रही है.