जमशेदपुर : भीषण गर्मी के बाद बरसात को लेकर प्राचीन महाकवि कालिदास से लेकर आज तक के कवियों ने बहुत ही रोमानी कल्पनाएं की हैं, लेकिन अभी तो विगत तीन-चार दिनों से लगातार जारी बारिश तो आम लोगों के लिए परेशानी और डर का सबब बन गई है. शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक बरसात के कारण पानी-पानी हो रहे हैं और कई जगह तो बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. कई लोगों के पुराने मकान जमींदोज हो गए हैं तो कई स्थानों पर बारिश का पानी घरों में घुस आया है, जिससे लोग खासे परेशान हो रहे हैं.

इस लगातार बारिश ने बाजार का माहौल भी बिगाड़ कर रख दिया है. विशेष रूप से सबकी रसोई के लिए जरूरी सब्जियों की कीमतों में विगत चंद दिनों में ही भारी उछाल आ गया है. हरी सब्जियों की दरें कुछ दिन पूर्व की तुलना में दोगुने तक पहुंच गई हैं. बारिश के कारण बाजारों में सब्जियों की आवक कम होने से उनकी दरों में अविश्वसनीय उछाल आने की बात बताई जा रही है. हरी सब्जियां इसमें सबसे अधिक महंगी हुई हैं. पांच-छह दिन पहले तक 20 से 25 रुपये किलो बिकने वाली लौकी की दर आज दुकानदार 40 से 60 रुपये तक बता रहे हैं. उसी तरह 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिक रही भिंडी अभी 45 से 50 रुपये बताई जा रही है
हाल तक 40 रुपये किलो बिक रहा करेला आज 80 रुपये किलो बताया जा रहा है तो बैंगन और बरबट्टी की दरें 40 रुपये की जगह 60 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. बाजार में हमेशा 20 रुपये किलो बिकने वाली कुंदरू की दरें 40 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. एक सप्ताह पूर्व तक 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा बंद गोभी 40 रुपये पर पहुंच गया है तो फूल गोभी 50 रुपये प्रति पीस को पार कर गया है. कच्चे केला 120 रुपये प्रति दर्जन बताया जा रहा है तो हर सब्जी की जान धनिया पत्ती की दरें भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई है. दुकानदार इस उछाल के लिए आवक में कमी और भारी बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान को जिम्मेवार बता रहे हैं. कुल मिलाकर हरी सब्जियां कम आय वर्ग के लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं.