जमशेदपुर : शब-ए-बरात का पर्व 13 फरवरी को जमशेदपुर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर शहर भर के लोग अपनों को याद कर रहे हैं और इबादत में व्यस्त हैं. गुरुवार की रात, मगरिब की नमाज के बाद लोग कब्रिस्तानों में गए और यहां अपने पूर्वजों की कब्रों पर फातेहा पढ़ा. कब्रिस्तानों को खूबसूरत तरीके से सजाया गया था, जिनमें धतकीडीह, जाकिर नगर, मानगो के जवाहर नगर रोड नंबर 15, सोनारी और जुगसलाई के कब्रिस्तान प्रमुख थे. लोग यहां मोमबत्तियां और अगरबत्तियां जला रहे थे. कब्रिस्तानों में उलेमा द्वारा सामूहिक दुआ कराई गई, जिसमें देश और दुनिया में अमन-चैन की दुआ की गयी. रात भर कब्रिस्तान में मौजूद रहे, उसके बाद वे मस्जिदों की ओर रवाना हुए. मस्जिदों में रातभर इबादत होगी और शब-ए-बरात की खास नमाज पढ़ी जाएगी.
इस दिन की विशेष नमाज और कुरआन की तिलावत पर जोर दिया गया है. इस रात को जाग कर इबादत करने का बड़ा सवाब बताया जाता है. इधर दूसरी तरफ शिया समुदाय द्वारा शब-ए-बरात की खास मनाई जाने वाली परंपराएं. शिया समुदाय के लोग इस दिन कब्रिस्तान में फातेहाखानी के साथ-साथ मस्जिदों में भी विशेष इबादत करते हैं. शिया समुदाय 15 शाबान को इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जन्मदिन के रूप में मनाता है, जो सुबह सादिक के समय हुआ था. इस दिन को बहुत श्रद्धा के साथ मनाते हुए, शिया समुदाय के लोग अपने इमाम के जन्मदिन को खास तरीके से सेलीब्रेट करते हैं. कब्रिस्तान से लौटने के बाद, शिया समुदाय के लोग अपने घरों के बाहर पटाखे दगते हैं. (
ये पटाखे इमाम महदी के जन्मदिन के अवसर पर जलाए जाते हैं, और इसमें बच्चों का उत्साह खास देखने को मिलता है. इसके बाद, शिया समुदाय के लोग इमामबारगाह में इकट्ठा होते हैं और महफिल-ए-मिलाद का आयोजन करते हैं, जिसमें इमाम महदी अलैहिस्सलाम की शान में कसीदा खानी जाती है. इस महफिल के बाद, मस्जिदों में शब-ए-बरात के आमाल होंगे. शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना जकी हैदर ने बताया कि इस रात में इबादत करने का बहुत बड़ा सवाब है, और इस दिन के मौके पर केक भी काटा जाएगा.
जुगसलाई कब्रिस्तान पहुंचे जुगसलाई विधायक – शब-ए-बारात के अवसर पर जुगसलाई कब्रिस्तान पहुंचे जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी और मुस्लिम समुदाय के गुजर चुके पूर्वजों के लिए अल्लाह से दुआ की गयी.