जमशेदपुर : जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आयोजित “आदिवासी सेमलेद 2025” में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने एकबार फिर से सरकार पर निशाना साधा है. पाकुड़ में प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के रामनवमी जुलूस पर रोक लगाने पर उन्होंने राज्य सरकार को हिन्दू- विरोधी मानसिकता दर्शाने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि हिन्दू- मूलवासी समाज वैसे भी शांतिप्रिय होता है, लेकिन अगर सरकार को लगता है कि वे रामनवमी शोभायात्रा को सुरक्षा तक नहीं दे सकते, तो फिर क्या कहें. मैंने पहले भी कहा था कि पाकुड़ में आदिवासी- हिन्दू समाज अल्पसंख्यक हो चुका है, जबकि एक समुदाय विशेष की आबादी दो- तिहाई के करीब है. तो क्या सरकार यह बताना चाहती है कि जहाँ कहीं भी हिन्दू अल्पसंख्यक होंगे, वहाँ उनके धार्मिक, संवैधानिक अधिकारों को इसी प्रकार छीन लिया जायेगा. क्या झारखंड में हिन्दू होना अपराध है. क्या राज्य सरकार किसी अन्य धर्म के पर्व- त्योहारों पर ऐसा ही तुगलकी फरमान जारी करने का साहस दिखा सकती है.