Greenfield Expressway: ग्वालियर से आगरा के बीच बनने वाले 88.4 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड सिक्स लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इस विशाल परियोजना के लिए 4,263 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।
एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इसे ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बताया जा रहा है की 2028 तक ग्रीनफील्ड सिक्स लेन एक्सप्रेसवे बनाकर तैयार हो जायेगा। इसके निमार्ण कार्य के लिए काफी सारी कंपनियों ने बोली लगाई है।
लंबे इंतजार के बाद खुला टेंडर
इस हाईवे प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया 5 जनवरी 2024 को शुरू की गई थी लेकिन भूमि अधिग्रहण और तकनीकी खामियों के कारण इसमें लगातार देरी होती रही।
समय-समय पर सुधार किए गए जिससे टेंडर खोलने की तिथि को करीब 20 बार आगे बढ़ाना पड़ा। अंततः 25 फरवरी 2025 को टेंडर खोला गया और अब तकनीकी मूल्यांकन का कार्य जारी है।
इन कंपनियों ने लगाई बोली
इस परियोजना में भाग लेने वाली प्रमुख कंपनियों में अडानी इंटरप्राइजेज, आइआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर, अप्सरा इंफ्रास्ट्रक्चर, जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, दिलीप बिल्डकॉन, वेलस्पन इंटरप्राइजेज, डीआर अग्रवाल इंफ्राकॉन, पीएनसी इंफ्राटेक, गावर इंफ्रा और एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। इनमें से किसी एक कंपनी को निर्माण कार्य सौंपा जाएगा जिसे सभी आवश्यक तैयारियों के लिए छह महीने का समय मिलेगा।
इन राज्यों के 100 से अधिक गाँव की भूमि अधिग्रहित
एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक गांवों की भूमि अधिग्रहित की गई है। इसमें मध्यप्रदेश के ग्वालियर और मुरैना जिले के सुसेरा गांव, राजस्थान के धौलपुर और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की जमीन शामिल है। अब तक 98% भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है हालांकि किसानों को मुआवजे की पूरी राशि अब भी नहीं मिली है।
निर्माण कार्य अक्टूबर से होगा शुरू
एनएचएआई (NHAI) के अनुसार टेंडर प्रक्रिया में कई तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लगातार संशोधन किए गए। अब जब टेंडर खुल चुका है तो अक्टूबर 2025 से एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
निर्माण के लिए चुनी गई कंपनी को परियोजना को 30 महीनों यानी ढाई साल के भीतर पूरा करना होगा।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा यह एक्सप्रेसवे
इस हाईवे पर 23 छोटे पुल, 8 बड़े पुल, 6 फ्लाइओवर और एक रेल ओवरब्रिज बनाया जाएगा। साथ ही इस मार्ग को बेहतर बनाने के लिए हाईटेक सुरक्षा और मॉनिटरिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाएगी।
क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से ग्वालियर, मुरैना, धौलपुर और आगरा जैसे शहरों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। यह न केवल व्यापार को गति देगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही हाईवे के किनारे नए व्यावसायिक केंद्र विकसित होने की संभावना भी बढ़ जाएगी जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए एनएचएआई ने ठोस रणनीति तैयार की है। निर्माण कार्य में आधुनिक तकनीकों और हाई-क्वालिटी मटेरियल का उपयोग किया जाएगा जिससे यह एक्सप्रेसवे लंबे समय तक टिकाऊ बना रहे।
यदि सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूरे होते हैं तो यह हाइवे साल 2028 तक यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।