हेलो दोस्तों, क्या आप भी क्राइम, सस्पेंस और थ्रिलर से भरी वेब सीरीज़ देखकर थक चुके हैं? अगर हां, तो आपके लिए एक शानदार तोहफा है! Dupahiya एक ऐसी वेब सीरीज़ है जो किसी भी तरह के अनावश्यक ड्रामे, हिंसा या गालियों से दूर रहकर एक प्यारी, साफ-सुथरी और दिल को छू लेने वाली कहानी पेश करती है। अगर आप “पंचायत” जैसे शो पसंद करते हैं, तो यकीन मानिए, यह वेब सीरीज़ आपको भी उतनी ही हंसी, खुशी और सुकून देने वाली है।
कहानी जो दिल को छू जाती है
इस शो की कहानी हमें एक छोटे से काल्पनिक गाँव “धड़कपुर” में ले जाती है, जहां एक चोरी हुई मोटरसाइकिल पूरी कहानी को एक दिलचस्प मोड़ देती है। कहानी के केंद्र में हैं बनवारी झा (गजराज राव), जो एक सरल, सच्चे और मासूम से स्कूल टीचर हैं। उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सपना है कि वह अपने स्कूल के प्रिंसिपल बनें, लेकिन फिलहाल उनकी सबसे बड़ी चिंता उनकी बेटी रोशनी (शिवानी रघुवंशी) की शादी है। रोशनी, जो शहर की चकाचौंध में जीने की शौकीन है, की शादी कुबेर (अविनाश द्विवेदी) से तय हो चुकी है, जो मुंबई में रहता है।
लेकिन असली मस्ती तब शुरू होती है, जब कुबेर की सबसे प्यारी चीज़, यानी उसकी मोटरसाइकिल चोरी हो जाती है! अब बनवारी झा इस चोरी को सुलझाने के लिए अपने बेटे भूगोल (स्पर्श श्रीवास्तव) और उसके शरारती दोस्त अमावस (भुवन अरोड़ा) की मदद लेते हैं। इस पूरी तलाश में कई मजेदार मोड़ आते हैं, जिससे हंसी की फुहारें छूटती हैं।
गाँव की राजनीति और छोटे-छोटे दिलचस्प किरदार
धड़कपुर गाँव “क्राइम-फ्री विलेज” कहलाता है, और गाँव की पंचायत लीडर पुष्पलता यादव (रेणुका शहाणे) इस छवि को बनाए रखना चाहती हैं। लेकिन जैसे ही गाँव में चोरी होती है, पूरा गाँव उत्साह और उलझनों से भर जाता है। इसी के बीच गाँव के सुस्त लेकिन चालाक पुलिस अधिकारी मिथिलेश खुसवाहा (यशपाल शर्मा) की एंट्री होती है, जो अपनी नौकरी और गाँव की राजनीति में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
हंसी के साथ समाज की सच्चाई भी दिखाती है Dupahiya
हालांकि यह सीरीज़ हल्की-फुल्की और मजेदार है, लेकिन यह कुछ गहरे सामाजिक मुद्दों को भी छूती है। दहेज प्रथा, रंगभेद और महिलाओं की ताकत जैसे विषयों पर यह शो बिना किसी भारीपन के, हल्के-फुल्के अंदाज में बात करता है। इसमें गाँव के पत्रकार का किरदार भी दिलचस्प है, जो मानता है कि “कन्फर्म करना लोगों का काम है, हमारा काम बस छापना है!” ऐसे छोटे-छोटे पल इस शो को और खास बना देते हैं।
शानदार अभिनय और छोटे-छोटे मजेदार पल
इस शो की जान हैं गजराज राव, जो अपनी मासूमियत और दमदार अभिनय से बनवारी झा के किरदार को जीवंत बना देते हैं। रेणुका शहाणे एक सख्त लेकिन हसमुख पंचायत लीडर के रूप में शानदार लगी हैं। यशपाल शर्मा पुलिस वाले के रोल में मजेदार हैं, जबकि अविनाश द्विवेदी, स्पर्श श्रीवास्तव और भुवन अरोड़ा ने भी अपने किरदारों में जान डाल दी है। वहीं, बृजेन्द्र काला की अखबार संपादक के रूप में छोटी लेकिन दमदार भूमिका एक और सरप्राइज है।
Dupahiya क्यों देखें?
अगर आप एक साफ-सुथरी, मजेदार और दिल को छू लेने वाली कहानी देखना चाहते हैं, तो Dupahiya आपके लिए एक परफेक्ट चॉइस है। गाँव की सादगी, मजेदार किरदार और हल्के-फुल्के ड्रामे के साथ यह शो परिवार के साथ बैठकर देखने के लिए एकदम सही है। तो दोस्तों, पॉपकॉर्न तैयार करिए, अपनों के साथ बैठिए, और “दुपहिया” की इस मजेदार सवारी का आनंद लीजिए!
Disclaimer: यह लेख वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखा गया है। किसी भी आधिकारिक अपडेट या घोषणा के लिए कृपया Stage App और OTTplay के आधिकारिक स्रोतों को देखें।