Cibil Score Home Loan: क्या आप जानते हैं कि खराब सिबिल स्कोर (Cibil Score) आपके लोन पर लाखों रुपये का अतिरिक्त बोझ डाल सकता है? अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो होम लोन (Home Loan) की ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, जिससे आपको ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। इसलिए, सिबिल स्कोर को सुधारने और इसे उच्च स्तर पर बनाए रखने की जरूरत होती है।
सिबिल स्कोर क्या होता है?
सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और भुगतान व्यवहार पर आधारित होती है। यह आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है। 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है, जबकि 600 से नीचे का स्कोर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
अगर आपका स्कोर 820 है, तो आपको 50 लाख रुपये के होम लोन पर 8.35% की ब्याज दर मिल सकती है, जिससे कुल भुगतान 1.03 करोड़ रुपये होगा। लेकिन अगर आपका स्कोर 580 है, तो ब्याज दर 10.75% तक बढ़ सकती है, जिससे आपको 19 लाख रुपये ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं।
खराब सिबिल स्कोर के नुकसान
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो आपको कई तरह की वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
1. लोन मिलने में दिक्कत
बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान खराब क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को लोन देने से बचते हैं। इससे आपको किसी भी प्रकार के लोन के लिए ज्यादा डॉक्यूमेंटेशन और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।
2. ज्यादा ब्याज दरें
कम क्रेडिट स्कोर के कारण बैंक आपको उच्च ब्याज दर पर लोन देते हैं। इससे आपके लोन की कुल लागत बढ़ जाती है, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।
3. क्रेडिट कार्ड लिमिट कम होना
कम सिबिल स्कोर होने पर बैंक आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट घटा सकते हैं या आपको नया क्रेडिट कार्ड देने से इनकार कर सकते हैं। इससे आपकी वित्तीय स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है।
4. बीमा प्रीमियम ज्यादा देना पड़ सकता है
कई बीमा कंपनियां खराब क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों से ज्यादा प्रीमियम वसूलती हैं, क्योंकि उन्हें ऐसे ग्राहकों पर ज्यादा जोखिम लगता है।
5. नौकरी पर असर
कुछ कंपनियां हायरिंग से पहले कैंडिडेट का क्रेडिट स्कोर चेक करती हैं, खासकर फाइनेंस और बैंकिंग सेक्टर में। खराब स्कोर होने पर नौकरी पाने में मुश्किल हो सकती है।
सिबिल स्कोर खराब क्यों होता है?
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- समय पर ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान न करना।
- लोन सेटलमेंट करना, जिससे बैंक को लगे कि आप पूरा लोन चुकाने में सक्षम नहीं हैं।
- बहुत अधिक अनसिक्योर्ड लोन (जैसे पर्सनल लोन) लेना।
- क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल करना और उसका भुगतान समय पर न करना।
- बार-बार नए लोन के लिए अप्लाई करना।
सिबिल स्कोर कैसे सुधारें?
अगर आपका सिबिल स्कोर कम है, तो इसे सुधारने के लिए कुछ प्रभावी उपाय अपना सकते हैं:
1. समय पर ईएमआई और बिल भरें
ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरने से आपका क्रेडिट स्कोर धीरे-धीरे सुधरने लगता है। इसके लिए ऑटो-डेबिट सुविधा सेट कर सकते हैं, ताकि भुगतान में देरी न हो।
2. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो कम रखें
क्रेडिट कार्ड की उपलब्ध लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें। इससे बैंक को लगेगा कि आप वित्तीय रूप से स्थिर हैं और आपको कर्ज चुकाने में कोई दिक्कत नहीं है।
3. ज्यादा लोन लेने से बचें
अगर आपको लोन की सख्त जरूरत नहीं है, तो नए लोन के लिए अप्लाई न करें। ज्यादा लोन लेने से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
4. पुराने लोन को समय से पूरा करें
अगर आपके ऊपर पुराने लोन हैं, तो उन्हें समय से पूरा करें। इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी बनी रहेगी और भविष्य में लोन मिलने में आसानी होगी।
5. गलत एंट्री को सही करवाएं
अगर आपको लगता है कि आपके सिबिल स्कोर में कोई गलती हुई है, तो तुरंत अपने क्रेडिट रिपोर्ट को चेक करें और उसे सही करवाने के लिए संबंधित क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करें।
कितना समय लगेगा क्रेडिट स्कोर सुधारने में?
क्रेडिट स्कोर सुधारना कोई एक दिन का काम नहीं है। अगर आपने सभी सही कदम उठाए, तो कम से कम 6 महीने से 1 साल तक का समय लग सकता है।
समय-समय पर सिबिल स्कोर चेक करें
अपने सिबिल स्कोर को नियमित रूप से चेक करना जरूरी है। इससे आपको समय रहते पता चलेगा कि आपका स्कोर सही दिशा में जा रहा है या नहीं।
निष्कर्ष
सिबिल स्कोर का महत्व किसी भी वित्तीय निर्णय में अहम भूमिका निभाता है। खराब सिबिल स्कोर से लोन की ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, जिससे आपका वित्तीय बोझ बढ़ सकता है। अगर आप चाहते हैं कि भविष्य में आपको आसानी से और कम ब्याज दर पर लोन मिले, तो अभी से अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने पर ध्यान दें।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे दूसरों के साथ भी साझा करें, ताकि वे भी अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारकर आर्थिक नुकसान से बच सकें।