Chhath 2025 Song: छठ पूजा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव का नया गाना “चला गंगा किनारे” खूब चर्चा में है। यह गाना छठ पर्व की महिमा और उत्सव की भावना को बयां करता है। यह गीत सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और छठ पूजा के अवसर पर इसे खूब पसंद किया जा रहा है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि यह गाना क्यों खास है, इसके पीछे की कहानी, और छठ पूजा 2025 की प्रमुख रस्में और महत्व।
छठ पूजा 2025 की तारीख और महत्व
छठ पूजा 2025 इस साल अक्टूबर में मनाई जाएगी, जिसमें सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा होती है। यह त्योहार खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, और नेपाल के कई हिस्सों में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु गंगा किनारे या किसी साफ पानी के स्रोत पर खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह त्योहार प्रकृति की शक्ति और सूर्य देव की पूजा का प्रतीक है। इस पर्व की रस्में बेहद पवित्र और अनुशासित होती हैं।
“चला गंगा किनारे” गाने का खास महत्व
“चला गंगा किनारे” गाना खेसारी लाल यादव के संगीत विश्व का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस गाने में छठ पूजा के पावन मौके की झलक, श्रद्धालुओं की आस्था, और त्योहार की खुशियां दिखायी गई हैं। गाना भोजपुरी भाषा में है, जो क्षेत्रीय संस्कृति को मजबूती से दर्शाता है। यह गाना छठ पूजा के गीतों की लंबी परंपरा में एक नया अध्याय जोड़ता है। इसके बोल और संगीत लोगों के दिलों को छू जाते हैं, इसलिए यह सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
छठ पूजा की रस्में और पूजा विधि
छठ पूजा की सबसे महत्वपूर्ण रस्मों में से एक है सूर्य को अर्घ्य देना। इसके लिए श्रद्धालु 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं। इस दौरान वे शुद्ध जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं। “Surya Arghya” इस पूजा का मुख्य हिस्सा है। छठ पूजा में “छठ fasting” का भी विशेष महत्व है, जो स्वास्थ्य और मनोबल दोनों के लिए माना जाता है। छठ पूजा के दौरान परिवार और समुदाय के सदस्य मिलकर पूजा करते हैं, साथ ही नदी या तालाब के किनारे दीप जलाए जाते हैं।
भोजपुरी छठ गीतों की परंपरा और लोकप्रियता
छठ पूजा के गीतों की अपनी अलग पहचान है, जो त्योहार की भावना को जीवंत रखते हैं। “Bhojpuri Chhath songs” की एक लंबी श्रृंखला है जिसमें पारंपरिक और नए गीत दोनों शामिल होते हैं। खेसारी लाल यादव और सपना चौहान जैसे कलाकार इस क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय नाम हैं। उनके गाने लोगों के दिलों को छू जाते हैं और छठ के उत्सव को और भी रंगीन बना देते हैं। “Khesari Lal Yadav Chhath song” और “Sapna Chouhan Chhath” गानों को विशेष तौर पर पूजा के दौरान खूब बजाया जाता है।
छठ पूजा का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
छठ पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि आध्यात्मिक अनुशासन और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह त्योहार हमें प्राकृतिक संसाधनों का महत्व सिखाता है और हमें सूर्य देव की उपासना से जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता प्राप्त होती है। छठ पूजा भारत के सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है और हर साल इस त्योहार को लाखों लोग मनाते हैं।
Disclaimer: इस लेख में प्रस्तुत सभी जानकारी छठ पूजा और संबंधित सांस्कृतिक गीतों पर आधारित है, जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों, मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट से ली गई है। “चला गंगा किनारे” गीत और संबंधित कलाकारों की लोकप्रियता का वर्णन केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। हम किसी कलाकार, गाने या कंपनी का प्रचार या समर्थन नहीं करते। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी जानकारी को अंतिम सत्य मानने से पहले अपनी समझ और स्रोतों की पुष्टि अवश्य करें।
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