नई दिल्ली। देश में कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान कोयला का रिकॉर्ड उत्पादन 15.57 मिलियन टन (एमटी) और डिस्पैच 17.31 मिलियन टन (एमटी) रहा। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की इसी अवधि की तुलना में उत्पादन में 16.39 फीसदी और डिस्पैच में 13.03 फीसदी की वृद्धि हुई है।
कोयला मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में इस वृद्धि को भारत के कोयला बुनियादी ढांचे के निरंतर मजबूत होने को दर्शाते हुए खनन क्षमताओं के बेहतर उपयोग और खनन क्षमताओं के बेहतर उपयोग का परिणाम बताया है। मंत्रालय ने एक ग्राफ के जरिये बताया है कि उत्पादन और डिस्पैच (प्रेषण) आंकड़े लगातार साल-दर-साल बढ़ गए हैं, जो कोयला क्षेत्र के ठोस प्रदर्शन का संकेत देते हैं। कोयला उत्पादन देशभर में प्रमुख उद्योगों की ऊर्जा और कच्चे माल की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मंत्रालय के मुताबिक उत्कल ए खदान के लिए खदान खोलने की अनुमति प्रदान की गई, जिसकी अधिकतम निर्धारित क्षमता 25 मीट्रिक टन है। इस दौरान तीन कोयला ब्लॉकों के लिए स्वामित्व आदेश जारी किए गए, जिससे कोयला मंत्रालय से आवंटित कोयला ब्लॉकों की कुल संख्या 200 से अधिक हो गई। कोयला मंत्रालय ने कहा कि ये उपलब्धियां मंत्रालय के केंद्रित प्रयासों को रेखांकित करती हैं। घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाना देने का मतलब आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देना है।