रामगोपाल जेना/चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में चाईबासा स्थित कोल्हान विवि परिसर में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति दीपक रौशन, न्यायाधीश- झारखंड उच्च न्यायालय-सह-प्रशासनिक न्यायाधीश, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा न्यायमंडल की अध्यक्षता और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष डालसा मो शाकिर, उपायुक्त सह डालसा के उपाध्यक्ष चंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक-सह डालसा केसदस्य राकेश रंजन, संतोष आनंद प्रसाद, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-2, डीडीसी संदीप कुमार मीणा, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद सहित न्यायिक पदाधिकारी, जिला स्तरीय पदाधिकारी, अधिवक्ता की मौजूदगी में वृहद विधिक सशक्तीकरण शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के तहत सांकेतिक तौर पर 3,16,623 लाभुकों के बीच 206,18,17,825 रुपए लागत की पृथक-पृथक परिसंपत्तियों का वितरण किया गया.

शिविर को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति दीपक रौशन ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकार जेल में बंद कैदियों को भी न्याय का उचित अवसर प्रदान करता है. आज के दौर में लगभग प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी संचार के माध्यम से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त करते रहते हैं. उन्होंने आगे बताया कि सरकार द्वारा संचालित सभी सुविधाओं कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ तथा कानूनी जानकारी सभी हकदारों को उपलब्ध हो, प्राधिकार इस बात को सुनिश्चित करता है.
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष डालसा मो शाकिर ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलकर समाज के वंचित एवं दूर दराज के लोगों तक कानूनी मदद पहुंचाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं, साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि जिला से लेकर पंचायत स्तर तक प्रत्येक योग्य व्यक्ति को योजनाओं के साथ-साथ न्यायिक सुविधाओं का भी लाभ मिले. उन्होंने बताया कि जिस किसी व्यक्ति की वार्षिक सकल आय तीन लाख या इससे कम है, उन सभी को जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही, कोई भी आम नागरिक राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के टोल फ्री नंबर- 15100 पर संपर्क कर कानूनी सलाह प्राप्त कर सकता है.
उपायुक्त सह डालसा के उपाध्यक्ष चंदन कुमार ने कहा कि जिला एवं प्रखंड स्तर पर आयोजित होने वाले विधिक सशक्तीकरण शिविरों का मुख्य उद्देश्य है कि देश के कानून सिर्फ किताबों तक ही सीमित न रहें, बल्कि उन लोगों तक पहुंचे, जो किसी भी वजह से न्यायालय या समाहरणालय या पुलिस मुख्यालय नहीं जा पाते. समारोह के समापन पर मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों ने शिविर स्थल पर 18 विभागों द्वारा स्थापित स्टॉलों का निरीक्षण किया. साथ ही इस दौरान समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित गोद भराई एवं अन्नप्राशन कार्यक्रम के तहत लाभुकों को लाभान्वित किया गया.