जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री भवन में शुक्रवार को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को समर्पित भव्य “आइसीएआइ एमएसएमई महोत्सव” का आयोजन हुआ. आइसीएआइ की सीआइआरसी जमशेदपुर शाखा की मेजवानी में आयोजित उक्त महोत्सव का संचालन आइसीएआइ की एमएसएमई एवं स्टार्टअप समिति द्वारा किया गया.

इस वर्ष महोत्सव का थीम था “एक दिन एमएसएमई के नाम”, जिसके तहत एमएसएमई सेक्टर की प्रमुख चुनौतियों, डिजिटल परिवर्तन, अनुपालन की भूमिका और वर्चुअल सीएफओ की अवधारणा पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ. इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद बिद्युत बरन महतो ने कहा कि एमएसएमई स्थानीय प्रतिभाओं के लिए अवसरों का केंद्र है और ऐसे आयोजनों से उद्यमिता को नई दिशा मिलती है. वहीं विशिष्ट अतिथि सिंहभूम चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने एमएसएमई महोत्सव को उद्योग और पेशेवरों के बीच संवाद का सशक्त माध्यम बताते हुए आइसीएआइ के प्रयासों की सराहना की.
इससे पूर्व आइसीएआइ की जमशेदपुर शाखा के अध्यक्ष कौशलेंद्र दास के स्वागत भाषण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत और रोजगार सृजन का आधार बताते हुए इसकी मजबूती को समय की आवश्यकता बताया. उन्होंने बताया कि आइसीएआइ द्वारा देश भर की 177 शाखाओं में एक साथ यह महोत्सव मनाया जा रहा है और जमशेदपुर में आयोजित यह कार्यक्रम इसकी महत्वपूर्ण कड़ी है.
कार्यक्रम में तीन मुख्य विषयों पर चर्चा हुई – एमएसएमई में डिजिटल परिवर्तन पर सौरभ अग्रवाल ने जानकारी दी. स्टार्टअप की सफलता में अनुपालन की भूमिका पर वक्ता शुभेंदु अग्रवाल ने अपनी बात रखी, जबकि एमएसएमई के लिए वर्चुअल सीएफओ की अवधारणा पर ऋषि अरोड़ा ने अपना वक्तव्य दिया. इसके अलावा एसआइडीबीआइ, एनएसआइसी, एक्सिस बैंक, यूनियन बैंक, उद्यम पंजीकरण और सब्सिडी डेस्क जैसे कई उपयोगी हेल्पडेस्क भी लगाए गए, जहां एमएसएमई प्रतिनिधियों ने मार्गदर्शन प्राप्त किया. कार्यक्रम का मंच संचालन ऋषि अरोड़ा ने किया, जबकि आयोजन में चेतन अग्रवाल, आनंद कुमार अग्रवाल, योगेश शर्मा और मुकुंद केडिया ने अहम भूमिका निभाई.