कई बार लोग सोचते हैं कि जिंदगी में बड़ा मुकाम पाने के लिए बहुत पढ़ा-लिखा होना जरूरी है। लेकिन ये पूरी तरह से सच नहीं है। आज हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने 12वीं तक की पढ़ाई की है, लेकिन आज उसकी कामयाबी के आगे पढ़े-लिखे लोग भी पीछे हैं।
ये कहानी है मोहम्मद मोसोबीर आलम की, जो बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले हैं। वह अपने छोटे बिजनेस से रोजाना 3 से 4 हजार रुपए कमा रहे हैं, वो भी कुछ ही घंटों में। आइए, जानते हैं उनकी इस जुगाड़ू सफलता की पूरी कहानी और उनके अनोखे बिजनेस आइडिया के बारे में।
नौकरी की तलाश और संघर्ष
मोसोबीर का परिवार बहुत ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था, जिससे वो खुद भी 12वीं के बाद पढ़ाई जारी नहीं रख सके। पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने नौकरी ढूंढने की कोशिश की, लेकिन दो साल तक उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिली। साथ ही, तीन बहनों की शादी की जिम्मेदारी और घर की आर्थिक तंगी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी थीं। ऐसे में उन्हें खुद ही कुछ करने की जरूरत महसूस हुई।
किराए का टेंपो लेकर की शुरुआत
जब नौकरी नहीं मिली, तो मोसोबीर ने किराए पर एक टेंपो लिया और उससे बच्चों को स्कूल ले जाने और लाने का काम शुरू कर दिया। हालांकि इस काम से थोड़ी बहुत कमाई हो रही थी, लेकिन इसमें ज्यादा मुनाफा नहीं दिख रहा था। इसके अलावा, स्कूल के बच्चों की संख्या भी कम थी, और समय भी काफी खर्च हो रहा था।
टेम्पो को बनाया चलता-फिरता बिजनेस
मोसोबीर ने फिर अपने दिमाग से एक अनोखा बिजनेस आइडिया सोचा। उन्होंने सोचा कि क्यों न टेम्पो को ही एक चलती-फिरती दुकान बना दिया जाए, जिसमें ऑनलाइन सेवाएं और स्टेशनरी का सामान मिल सके। उन्होंने टेम्पो को एक मोबाइल दुकान बना दिया, जहाँ से लोग प्रिंट आउट निकाल सकते थे, फार्म भरवा सकते थे, और स्टेशनरी खरीद सकते थे।
अब वे यह दुकान पूर्णिया के महिला विश्वविद्यालय के बाहर लगाते हैं, जहाँ रोज़ाना 9 से 4 बजे तक छात्राएं और अन्य लोग अपना काम करवाने आते हैं। इस काम ने उनकी कमाई को एक नई दिशा दे दी है।
जुगाड़ू बिजनेस से हर दिन 3-4 हजार की कमाई
मोसोबीर अब अपनी इस चलती फिरती दुकान से रोजाना 3 से 4 हजार रुपये तक कमा लेते हैं। उनका यह बिजनेस बिना किराए या किसी बड़े खर्च के है, जिससे उन्हें अधिकतर कमाई बचत के रूप में मिल जाती है। महज 12वीं तक पढ़ाई करने वाले मोसोबीर आज अपनी मेहनत और एक अनोखे बिजनेस आइडिया के दम पर अच्छी कमाई कर रहे हैं।
उनकी कहानी इस बात का सबूत है कि सफलता के लिए हमेशा बड़ी पढ़ाई नहीं, बल्कि बड़ा सोचने का हुनर चाहिए।