Loco Pilot Kaise Bane: रेलवे में तो हर कोई नौकरी करना चाहता है। लियोन इसके लिए सही Guidance, सही जानकारी और पर्याप्त योग्यता आपके पास होना चाहिए। यदि आप भी लोको पायलट कैसे बने के बारे में जानना चाहते हैं।
तो आपको इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसमें हमने लोको पायलट बनने से जुड़े हर जरूरी चीजों के बारे में बताया है। जैसे की लोको पायलट बनने के लिए योग्यता, लोको पायलट का प्रकार, कौनसा कोर्स करना चाहिए, कितना खर्चा आएगा, एग्जाम कैसे होता है, बेस्ट किताबें, सैलरी आदि।
इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद आपके मन से सारे Doubts Clear हो जायेंगे, इसलिए पूरा जरूर पढ़ें।
इस पोस्ट में आप जानेंगे –
लोको पायलट को हिंदी में क्या कहते हैं?
लोको पायलट को हिंदी में “प्रवासी चालक” या “ट्रेन चालक” कहते हैं। लोको पायलट भारतीय रेल में काफी महत्वपूर्ण पद होता है, जिसमें व्यक्ति ट्रेन को चलाने और उसे सुरक्षित रूप से सही जगह तक पहुंचाने का काम करता है।
लोको पायलट कैसे बने?
लोको पायलट बनने के लिए सबसे पहले 10वीं कक्षा पास करें, फिर किसी कॉलेज से ITI का कोर्स करें। इसके बाद, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) द्वारा आयोजित असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) परीक्षा के लिए आवेदन करें। लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट में पास होने के बाद ट्रेनिंग पूरी करें।
बस इतना करने के बाद आप Loco Pilot बन जायेंगे। यहां नीचे लोको पायलट बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड दिया गया है। जिसे फॉलो करके आप आसानी से लोको पायलट बन सकते हैं।
- 10वीं पास और ITI (फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक आदि) या डिप्लोमा (इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल/ऑटोमोबाइल) कोर्स करें।
- जॉब अप्लाई के लिए आपकी आयु 18 से 30 वर्ष होना चाहिए और आरक्षित वर्ग के लिए आयु सीमा में थोड़ी बहुत छूट दी जाती है।
- रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) द्वारा जारी किए गायबलोको पायलट वैकेंसी के लिए आवेदन करें।
- उसके बाद चयन प्रक्रिया जैसे लिखित परीक्षा, फिजिकल फिटनेस टेस्ट, डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन, प्रशिक्षण आदि चीजों को भी पास करें।
- सभी प्रक्रिया में सफल होने के बाद लोको पायलट के रूप में आपकी नियुक्ति की जायेगी।
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Loco Pilot बनने के लिए योग्यता
Loco Pilot बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताओं की जरूरत होती है:
- 10वीं पास और संबंधित ITI ट्रेड में (फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक आदि) या इंजीनियरिंग डिप्लोमा (इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल/ऑटोमोबाइल) का कोर्स किया हुआ होना चाहिए।
- Age 18 से 30 वर्ष होना चाहिए, आरक्षित वर्ग के लिए आयु सीमा में थोड़ी बहुत छूट मिल सकती है।
- अच्छी दृष्टि और शारीरिक स्वास्थ्य के भी आपको ध्यान रखना चाहिए।
- उम्मीदवार के पास भारतीय नागरिकता होना आवश्यक है।
लोको पायलट कितने प्रकार के होते हैं?
लोको पायलट के 5 प्रकार होते है। जिसमें असिस्टेंट लोको पायलट, सीनियर लोको पायलट, लोको पायलट (गुड्स ट्रेन अथवा माल गाड़ी चालक), लोको पायलट (पैसेंजर ट्रेन), चीफ लोको पायलट जैसे प्रकार शामिल है। हांलकी Loco Pilot से संबंधित और भी कुछ पद होते हैं, जैसे की लोको सुपरवाइजर, लोको फायरमैन और पावर कंट्रोलर।
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लोको पायलट बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करें?
लोको पायलट बनने के लिए आपको कम से कम 10वीं कक्षा पास होना होगा। इसके अलावा, आपको किसी अच्छे कॉलेज से ITI में एक तकनीकी ट्रेड जैसे कि इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, ऑटोमोबाइल या फिटर का कोर्स करना होता है। रेलवे लोको पायलट बनने के लिए ITI का प्रमाणपत्र बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
इसके अलावा, अगर आपने 12वीं के बाद इंजीनियरिंग डिप्लोमा (इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स) किया है, तो भी आप लोको पायलट पद के लिए आवेदन कर सकते। आवेदन के बाद आपको रेलवे द्वारा आयोजित ‘असिस्टेंट लोको पायलट’ (ALP) की परीक्षा देनी होती है।
इस परीक्षा में मुख्यरूप से सामान्य ज्ञान, गणित, तर्कशक्ति और तकनीकी विषयों से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा पास करने के पश्चात प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आपको लोको पायलट के रूप में नियुक्त किया जाता है।
लोको पायलट बनने में कितना खर्च आता है?
लोको पायलट बनने का खर्च आपकी शैक्षिक योग्यता और जिस कोर्स का आप चयन करते हैं, उस पर निर्भर करता है। साथ ही कॉलेज के प्रकार (सरकारी या निजी), कॉलेज का स्थान और कॉलेज में मिलने वाली सुविधाओं पर भी निर्भर करता है।
आमतौर पर लोको पायलट बनने के लिए आईटीआई या इंजीनियरिंग डिप्लोमा करना जरूरी होता है। ITI का खर्च देखें तो इसमें सरकारी कॉलेजों में फीस ₹5,000 से ₹10,000 प्रति वर्ष और प्राइवेट कॉलेजों में ₹20,000 से ₹50,000 प्रति वर्ष तक होता है।
वहीं इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स का फीस सरकारी कॉलेजों में लगभग ₹20,000 से ₹30,000 प्रति वर्ष और प्राइवेट कॉलेजों में यह फीस ₹50,000 से ₹1,50,000 प्रति वर्ष या उससे अधिक हो सकती है। बता दें की यह डिप्लोमा कोर्स 3 वर्ष का होता है।
इसके अलावा, रेलवे द्वारा आयोजित लोको पायलट की परीक्षा की तैयारी के लिए भी कोचिंग आदि पर अलग से खर्च आ सकता है, जो कि ₹5,000 से ₹10,000 तक हो सकता है। लोको पायलट कैसे बने?
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लोको पायलट का एग्जाम कैसे होता है?
अब आपके मन में सवाल होगा की लोको पायलट का पेपर कैसे आता है? तो बता दीं की इसके लिए एग्जाम रेलवे द्वारा आयोजित किया जाता है और इसमें मुख्य रूप से दो चरण होते हैं:
- Computer Based Test (CBT): यह परीक्षा ऑनलाइन आयोजित होती है और इसमें अलग अलग प्रकार के प्रश्न पूछें जाते हैं। जैसे की सामान्य ज्ञान, गणित, तर्कशक्ति, तकनीकी ज्ञान आदि के बारे में।
- Skill Test: CBT के बाद, चयनित उम्मीदवारों को एक तकनीकी परीक्षण या स्किल टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। इसमें भी आपको पास होना होता है।
इसके अलावा, मेडिकल परीक्षा और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी होता है, जिसमें आपकी शारीरिक फिटनेस और दस्तावेजों की अच्छे से जांच की जाती है।
रही बात है इसके पेपर के प्रकार की तो ये भी 2 प्रकार के होते हैं:
- Objective Questions: सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होते हैं।
- प्रश्नपत्र की संरचना: प्रश्नपत्र में सामान्य जागरूकता, गणित, तर्कशक्ति और तकनीकी ज्ञान से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
परीक्षा की तैयारी के लिए, रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट पर नए परीक्षा पैटर्न और सिलेबस की जानकारी आपको अवश्य देखते रहना चाहिए।
लोको पायलट की सैलरी कितनी होती है?
शुरुआत में एक लोको पायलट की सैलरी 25,000 रुपये से लेकर 35,000 रुपये तक होती है। अनुभव के साथ साथ लोको पायलट की सैलरी भी बढ़ती जाती है और 50,000 रुपये से 1,00,000 रुपये तक पहुंच जाती है।
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क्या-क्या मिलती है सुविधाएं
लोको पायलट को मोटी सैलरी के अलावा बोनस भी मिलता है। साथ जा भत्ता, नाइट ड्यूटी अलाउंस, ओवरटाइम अलाउंस, हॉलिडे अलाउंस और ड्रेस अलाउंस जैसी अन्य काफी सारी सुविधाएं भी भारतीय रेलवे की तरफ से दी जाती हैं।
5 साल बाद लोको पायलट की सैलरी कितनी होती है?
5 साल बाद एक लोको पायलट की सैलरी उनकी नौकरी के अनुभव, प्रदर्शन और रेलवे विभाग की योजनाओं पर निर्भर करती है। लेकिन मुख्य रूप से इस अवधि के बाद, एक लोको पायलट की सैलरी ₹50,000 से ₹1,00,000 प्रति माह के बीच पहुंच जाती है।
उच्च अनुभव और अन्य जरूरी जिम्मेदारियों की वजह से, सैलरी कभी कभी इससे भी अधिक हो जाती है। इसके अलावा, भत्ते और अन्य लाभ जैसे कि यात्रा भत्ता, चिकित्सा भत्ता आदि भी इस वेतन में इसमें शामिल होते हैं, जिससे कुल वेतन और भी अधिक हो जाता है।
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12वीं के बाद लोको पायलट कैसे बने
दोस्तों यदि आपको 12वीं के बाद लोको पायलट बनना हैं तो आप सीधे इसकी पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। सबसे पहले अच्छे अंको से 12वीं पास करें और फिर आईटीआई या इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स ज्वाइन करें। कोर्स पूरा करने के बाद रेलवे की परीक्षा में आवेदन करें और परीक्षा पास करें।
परीक्षा में पास होने के बाद आपका स्किल टेस्ट किया जायेगा और इसमें भी आपको पास होना है। इसके बस आपका मेडिकल टेस्ट कराया जायेगा और आपके सभी डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन किया जायेगा। इतना कर लेने के बाद चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है।
जहां वे लोको पायलट के काम के लिए सभी महत्वोर्ण चीजों को सीखते हैं। इन चरणों को पूरा करने के बाद, आप आसानी से लोको पायलट के रूप में नियुक्त हो सकते हैं और रेलवे विभाग में काम करना भी शुरू कर सकते हैं।
असिस्टेंट लोको पायलट कैसे बने?
असिस्टेंट लोको पायलट बनने के लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
- 12वीं कक्षा पास करें और आईटीआई या इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स करें।
- Loco Pilot के से जुड़े ट्रेड (इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, ऑटोमोबाइल, फिटर) में कोर्स पूरा करें।
- रेलवे द्वारा आयोजित ‘असिस्टेंट लोको पायलट’ की CBT परीक्षा दें और पास होएं।
- परीक्षा पास करने के बाद स्किल टेस्ट में शामिल हों कर इसमें भी पास होना है।
- शारीरिक फिटनेस की जांच के लिए मेडिकल परीक्षा पास करें और ट्रेनिंग पूरी करे।
बस दोस्तों इतना करना है और फिर आप सफलतापूर्वक एक लोको पायलट बन सकते हैं।
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लोको पायलट की नौकरी कितने साल तक होती है?
एक लोको पायलट की नौकरी उसके 60 वर्ष होने तक होती ही। यानी की लोको पायलट के रूप में जॉब कर रहा व्यक्ति जब 60 वर्ष का हो जाता है, तब उसको रिटायरमेंट प्रदान किया जाता है।
लोको पायलट में कितनी हाइट चाहिए?
लोको पायलट के लिए न्यूनतम ऊचाई 157.5 सेंटीमीटर (5 फीट 2 इंच) होती है। बता दें की इस मानक भारतीय रेलवे द्वारा निर्धारित किया गया है। ऊचाई की जांच मेडिकल परीक्षा के दौरान कर ली जाती है और इसके अलावा शारीरिक फिटनेस भी जरूरी होता है।
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लोको पायलट कितने घंटे काम करता है?
लोको पायलट अक्सर प्रति दिन 8 से 12 घंटे काम करते हैं, लेकिन यह उनकी शिफ्ट, ट्रेन के चलने का समय और रेलवे की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। कभी-कभी लंबी शिफ्ट्स या अनियमित काम के लिए अतिरिक्त समय भी काम करने पड़ जाते हैं।
जिसमें रात की शिफ्ट, छुट्टियों के दौरान काम और आपातकालीन परिस्थितियाँ में काम करना शामिल होता है।
Bina ITI Ke Loco Pilot Kaise Bane
बिना ITI के Loco Pilot बनने के लिए आपको इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करना होगा। उसके बाद रेलवे में भर्ती होने के लिए ALP परीक्षा के लिए आवेदन करें और परीक्षा में पास हो। सभी योग्यताओं को परिपूर्ण करें और फिर लोको पायलट के रूप में काम करना शुरू करें।
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FAQs: लोको पायलट की नौकरी कैसे पाएं?
1. ट्रेन चलाने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है?
ट्रेन चलाने के लिए सबसे पहले आपको 10th या 12th पास करना होगा और फिर ITI या Engineering में डिप्लोमा करके रेलवे द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग लेना होगा।
2. लोको पायलट बनने के लिए कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए?
लोको पायलट बनने के लिए 10वीं कक्षा में गणित और विज्ञान के विषयों पर ध्यान देना चाहिए। इसके बाद, आईटीआई में इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स या मैकेनिकल ट्रेड में डिप्लोमा करना भी जरूरी है।
3. लोको पायलट कौन से ग्रुप में आते हैं?
लोको पायलट भारतीय रेलवे के ग्रुप ‘C’ के अंतर्गत आते हैं। जो की मुख्यरूप से ट्रेन चलाने, सिग्नलिंग और मेंटेनेंस जैसी जिम्मेदारियां संभाले होते हैं।
निष्कर्ष (लोको पायलट कैसे बने?)
तो दोस्तों इस पोस्ट में आपने लोको पायलट कैसे बने के बारे में जाना। उम्मीद है की आपको इस ब्लॉग पोस्ट से काफी कुछ सीखने को मिला होगा और आपके सभी डाउट्स अब क्लियर हो गए होंगे। मैने कोशिश किया है की आपको लोको पायलट की नौकरी कैसे पाएं के बारे में सही जानकारी दूं।
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