वैदिक पंचांग के अनुसार होली का पर्व हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के अगले दिन मनाया जाता है. जबकि फाल्गुन पूर्णिमा की रात्रि में होलिका दहन किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. गौरतलब है कि ग्रहण के दौरान शुभ काम से परहेज किया जाता है.
ज्योतिष गणना के अनुसार चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा पर ही लगता है. चंद्र ग्रहण के दिन होली का पर्व भी मनाया जाएगा. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल है कि रंग और गुलाल कैसे और कब खेला जाएगा? गौरतलब है कि हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता.
फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च सुबह 10 बजकर 35 मिनट शुरू होगी और 14 मार्च दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसी स्थिति में होलिका दहन 13 मार्च की रात्रि को मनाई जाएगी.
जबकि साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगने जा रहा है. चंद्र ग्रहण का समय सुबह 09 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक है. चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है. सूतक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता.
ज्योतिष गणना के अनुसार 2025 का पहला चंद्र ग्रहण भारत में तो नहीं दिखाई देगा. ऐसी स्थिति में यहां पर न तो चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव रहेगा और न ही सूतक काल मान्य होगा. ऐसी स्थिति में इस बार की होली पर चंद्र ग्रहण का साया भारत में नहीं रहेगा. होली के दिन लोग रंग-गुलाल एक दूसरे को लगा सकते हैं.