सीरिया के गृहयुद्ध में रूस और हिजबुल्लाह दोनों सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद की तरफ से लड़ रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइली सेना को बड़ी संख्या में खतरनाक हथियार मिले हैं। यह हथियार इजराइली सैनिकों पर हमला करने की हिजबुल्लाह की क्षमता को बढ़ाते हैं। प्रमुख आईडीएफ कमांडर ने बताया कि हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी हमले के शुरुआती दिनों में, मिले 60-70 फीसदी हथियार रूसी में निर्मित किए गए थे।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिजबुल्लाह के पास मिले हथियारों में हाल ही में बनाई गई कोर्नेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें थीं। रूस और सीरिया की सरकारों ने इस पर चुप्पी साध हुई है जबकि इजराइली पीएम ऑफिस ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। सीरिया में रूसी सैनिकों की मौजूदगी के बावजूद इजराइल ने रूस से सकारात्मक संबंध बनाए रखने की कोशिश की है। वहीं दूसरी तरफ रूस गाजा में इजराइली कार्रवाई की आलोचना करता रहा है।
इजराइल के डिप्टी विदेश मंत्री ने लेबनान, गाजा पट्टी या वेस्ट बैंक में आईडीएफ की ओर से जब्त किए रूसी हथियार को यूक्रेन को देने का प्रस्ताव रखा है। यूक्रेन के राजदूत ने इसकी तारीफ की है। इस विधेयक के पास होने की संभावना न के बराबर है। यह तय करता है कि लेबनान या फिलिस्तीनी प्राधिकरण क्षेत्रों में जब्त किए गए रूस निर्मित हथियार इजराइल की रक्षा के लिए जरूरी नहीं है। इन्हें यूक्रेन को दे देना चाहिए। इजराइली सरकार ने पूरे युद्ध के दौरान यूक्रेन को हथियार देने से मना किया है।