पटना। प्रशांत किशोर के बयान पर बिहार भाजपा ने गांधी मैदान थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। भाजपा नेताओं की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है। जानिए पूरा मामला और इसके कानूनी पहलू। प्रशांत किशोर के खिलाफ FIR!- फोटो : SOCIAL MEDIA जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 27 जुलाई को आयोजित एक मीडिया कॉन्क्लेव में भाजपा नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी सिर्फ सातवीं पास हैं और उनका नाम भी सही नहीं है।इसके साथ ही उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर भी कथित रूप से निजी मेडिकल कॉलेज पर कब्जा करने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं की छवि को लेकर यह बयान राजनीतिक गलियारों में तूफान बन गया।
भाजपा का पलटवार गांधी मैदान थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी
भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्णा कुमार सिंह ने इस बयान को आधार बनाते हुए गांधी मैदान थाना, पटना में प्राथमिकी दर्ज कराई।उन्होंने लिखा कि प्रशांत किशोर जनता में व्यक्तिगत द्वेष से भरा अपमानजनक बयान दे रहे हैं। वह एनडीए सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।उन्होंने आगे कहा कि प्रशांत किशोर ने तथ्यों के बिना आरोप लगाए।यह बयान राजनीतिक द्वेष और जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से दिया गया है।भाजपा नेताओं की प्रतिष्ठा और छवि को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश की गई है।
प्राथमिकी में लगाए गए संभावित कानूनी आरोप
कृष्णा कुमार सिंह के अनुसार, प्रशांत किशोर का यह बयान मानहानि (Defamation) की श्रेणी में आता है। आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) व 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत दंडनीय हो सकता है। धारा 505 के तहत भी मामला बन सकता है यदि यह बयान जनता में असंतोष फैलाने वाला पाया जाए। अब यह पुलिस की जांच पर निर्भर करता है कि वे कौन-कौन सी धाराएं जोड़ती हैं।






