लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार का प्रचार थम गया।सोमवार को अंतिम दिन जहां भाजपा व सपा ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। नौ सीटों पर 90 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता 20 नवम्बर को करेंगे। उत्तर प्रदेश में उपचुनाव जीतने के लिए सपा और भाजपा दोनों पार्टियों ने ताकत लगायी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं की हैं। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करने निकले हैं। उपचुनाव में सपा व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई देखी जा रही है। वहीं छोटे दल बड़े दलों का खेल बिगाड़ने और बनाने में लगे हुए हैं। जिन सीटों पर चुनाव हो रहा है, उनमें पिछले चुनाव में कुंदरकी,करहल,कटेहरी और सीसामऊ सीट सपा के पास रही है। वहीं गाजियाबाद,खैर व फूलपुर की सीट भाजपा के पास रही है। वहीं रालोद की सीट मीरापुर व मंझवा निषाद पार्टी की सीट रही है। सीसामऊ को छोड़कर सभी सीटों के निर्वाचित विधायक सासंद बन जाने के कारण विधानसभा से इस्तिफा दिये हैं, जिसके कारण वहां उपचुनाव हो रहे हैं। कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के विधायक रहे इरफान सोलंकी को गैंगस्टर मामले में सजा हो गई है। इसके चलते उनकी विधायकी चली गई और ये सीट खाली हो गई।
बसपा प्रमुख मायावती पूरे चुनाव के दौरान सिर्फ एक बार प्रेसवार्ता कर बसपा के साथ चलेंगे तो विकास करेंगे, का नारा दिया। इसके बाद विधानसभाओं में बसपा के प्रमुख नेता जाने से बचते दिखे। पूरा प्रचार का जिम्मा सेक्टर प्रमुख के जिम्मे रहा। वहीं भाजपा और सपा के दिग्गज नेताओं ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। भाजपा को हिन्दुत्व के साथ—साथ विकासपरक योजनाओं पर भरोसा है। वहीं सपा पीडीए की बदौलत उपचुनाव में जीत की आस लगाये है। भाजपा ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संगठन के बड़े नेताओं को मैदान में उतारा। सीएम योगी ने सभी सीटों पर जनसभाएं कीं और “विकास, गरीब कल्याण योजनाओं और एकता” का संदेश दिया।
उन्होंने अपने मशहूर नारे “बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे” से मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की। वहीं सपा ने इस बार उपचुनाव को लेकर विशेष रणनीति बनाई। अखिलेश यादव ने खुद सभी 9 सीटों पर प्रचार किया, जो उनके पहले के रुख से अलग है। मीरापुर में आज रोड शो करते हुए अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधा और पीडीए फामूर्ले को फिर से दोहराया।
मतदान की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था: चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। अब नजरें 20 नवंबर की वोटिंग पर हैं, जो सत्ता और विपक्ष के बीच नई राजनीति की जमीन तैयार करेगी। उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कुल 149 नामांकन हुए थे, जिनकी जांच के बाद 95 उम्मीदवार योग्य पाए गए थे। 30 अक्टूबर, नाम वापसी की अंतिम तारीख थी, जिसमें पांच प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया था। अब इन सीटों पर 90 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा।