उत्तर प्रदेश के वाराणसी की डिप्टी जेलर मीना कनौजिया और जेल अधीक्षक उमेश सिंह के बीच विवाद चल रहा है. इसी बीच शासन स्तर से जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. तीन सदस्यीय जांच कमेटी की अध्यक्षता नैनी की वरिष्ठ जेल अधीक्षक अमिता दुबे करेंगी. ये कमेटी सात दिन के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट डीजी जेल पीवी रामा शास्त्री को सौंपेगी.
वाराणसी जिला जेल के दो बड़े अफसरों के बीच हो रहे विवाद और डिप्टी जेलर मीना कनौजिया के जेल अधीक्षक पर लगाए गए गंभीर आरोप का मामला शासन तक पहुंच गया है. कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने इस मामले पर बात की. इसके बाद इस जांच समिति का गठन हुआ. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि शासन स्तर से जांच शुरू हो गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी होगा. उसपर कार्रवाई होगी. जेल में अनुशासन को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
मेरे खिलाफ ही बयान देंगे
इस मामले ने तब तूल और पकड़ा जब डिप्टी जेलर मीना कनौजिया का ट्रांसफर रविवार को नैनी जेल में कर दिया गया था. इस मामले में जब टीवी 9 डिजिटल ने डिप्टी जेलर मीना कनौजिया से बात की तो उन्होंने कहा कि जांच कमेटी पर उन्हें पूरा भरोसा है, लेकिन उमेश सिंह के जेल अधीक्षक रहते जेल कर्मचारी और बंदी रक्षक दबाव में रहेंगे और मेरे खिलाफ ही बयान देंगे. जिसने अन्याय किया वो पद पर है और जो पीड़ित है उसका ट्रांसफर कर दिया गया.
उमेश सिंह को सस्पेंड करने की मांग
उन्होंने आगे कहा कि ईमानदारी से जांच तभी मुमकिन है जब उमेश सिंह को सस्पेंड किया जाएगा और बनारस से उनको हटाया जाएगा. बंदी रक्षकों और कर्मचारियों को ये भरोसा हो जाए कि उमेश सिंह अब यहां नही आएंगे. तभी वो दबाव मुक्त होकर बयान दे पाएंगे. मीना कनौजिया ने बताया कि पूर्व में भी डिप्टी जेलर रतन प्रिया के मामले में उमेश सिंह ने अपने खिलाफ जांच रिपोर्ट को मुख्यालय से बदलाव किया था.
मीना कनौजिया की बेटी नेहा कनौजिया ने बताया कि इस मामले में हमें न्याय का इंतज़ार है. हम पीड़ित भी हैं और हमारा ट्रांसफर भी हुआ. हजारों रूपये का नुकसान तो हुआ ही मम्मी के खिलाफ जेल में उमेश सिंह साजिश अलग रच रहा है. मैंने मुख्यमंत्री जी के यहां अर्जी लगाई है और पूरे मामले की जानकारी दी है.