संसद के शीत सत्र में चल रही सियासी पारे की गरमा-गरमी की झलक शुक्रवार से लोकसभा में संविधान की 75 साल की यात्रा पर शुरू हो रही बहस के दौरान उफान पर होगी। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने इस बहस के जरिए एक दूसरे की घेराबंदी करने के लिए तैयारी पूरी कर ली है।
पीएम मोदी शनिवार को लोकसभा में देंगे जवाब
लोकसभा में संविधान की अब तक की यात्रा पर 12 घंटे की चर्चा होगी जिसके बाद दूसरे दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका जवाब देंगे। लोकसभा चुनाव में संविधान की रक्षा को मुद्दा बनाने में कामयाब रहे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी विपक्ष की ओर से बहस के दौरान अपने विमर्श को नया मोड़ देने की तैयारी में हैं। वहीं सरकार की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बहस की शुरूआत कर विपक्ष विशेषकर कांग्रेस पार्टी पर प्रहार का मोर्चा खोंलेगे।
सत्तापक्ष ने की कांग्रेस पर प्रहार की तैयारी
भाजपा ने राजग के सहयोगी दलों के नेताओं के जरिए भी संविधान पर विशेष चर्चा के दौरान कांग्रेस को निशाने पर रखने की रूपरेखा बनाई है। लोकसभा में अदाणी-सोरोस मुद्दे पर दो दिन पहले तक चल रहा गतिरोध संविधान पर बहस कराए जाने के प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष में बनी सहमति के कारण ही खत्म हुई।
इस विशेष चर्चा का उद्देश्य संविधान अंगीकार होने की 75 साल की ऐतिहासिक यात्रा का सिंहावलोकन है। मगर शीत सत्र में दोनों पक्षों के बीच जिस तरह सियासी तलवारें खींची हुई उसे देखते हुए संविधान पर बहस केवल यहीं तक सीमित नहीं रहेगी। विपक्ष जहां लोकतांत्रिक संस्थाओं पर भाजपा-संघ के कब्जे का आरोप लगाते हुए संविधान के मौजूदा स्वरूप पर गहराती चुनौतियों के लगातार उठाए जा रहे अपने सवालों को बहस के दौरान और तीखा करेगी।
संविधान पर शुक्रवार-शनिवार दो दिन चर्चा के लिए निर्धारित
वहीं भाजपा सरकार आपातकाल से लेकर अनुच्छेद 356 पूर्व में किए गए कथित दुरूपयोगों से लेकर पुराने इतिहास कुरेदते हुए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने संविधान पर शुक्रवार-शनिवार दो दिन चर्चा के लिए 12 घंटे का समय निर्धारित किया है।
इसमें जाहिर तौर पर भाजपा-राजग को संख्या बल के हिसाब से ज्यादा समय मिलेगा और विपक्ष को उससे कुछ कम वक्त। विपक्षी खेमे की ओर से संभावना है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बहस की शुरूआत करेंगे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद आदि के प्रमुख सांसद भी चर्चा में हिस्सा लेंगे।
राजनाथ करेंगे शुरूआत
सत्तापक्ष की ओर से राजनाथ सिंह चर्चा का आगाज करेंगे और भाजपा के कई वरिष्ठ सांसदों के साथ सहयोगी दलों के नेता एचडी कुमारस्वामी, चिराग पासवान, श्रीकांत शिदे, राजीव रंजन सिंह लल्लन आदि भी बहस में हिस्सा लेते हुए विपक्ष पर हमला बोलेंगे। पीएम मोदी शनिवार को चर्चा पूरी होने के बाद इसका जवाब देंगे। राज्यसभा में संविधान पर चर्चा 16-17 दिसंबर को प्रस्तावित है और गृहमंत्री अमित शाह के उच्च सदन में सत्तापक्ष की ओर से बहस का आगाज किए जाने की संभावना है।