मुंबई। मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को सपा विधायक अबू आजमी को मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने संबंधी टिप्पणी के मामले में अग्रिम जमानत दे दी है। अबू आजमी के खिलाफ दर्ज एक मामले में कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी। औरंगजेब को लेकर दिए बयान के बाद दायर याचिका के बाद अबू आजमी ने अपनी अर्जी में कहा कि उनकी टिप्पणी किसी व्यक्ति विशेष का अपमान करने या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं की गई थी। उनकी इस दलील के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी जी रघुवंशी ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली।
महाराष्ट्र विधानसभा से किए गए थे निलंबित
औरंगजेब की तारीफ मामले को लेकर अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से 26 मार्च तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं कोर्ट ने आजमी को राहत देते हुए कुछ शर्तें लगाईं और उन्हें 20,000 रुपये का जमानत मुचलका भरने का निर्देश दिया। मानखुर्द-शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक आजमी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मुगल बादशाह की प्रशंसा करने वाली उनकी टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज किया गया था।
अबू आजमी ने की थी औरंगजेब की प्रशंसा
समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमा) तक थीं। औरंगजेब के शासनकाल का जिक्र करते हुए आजमी ने दावा किया था, ‘‘हमारा जीडीपी (विश्व जीडीपी) का 24 प्रतिशत था और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।’’
औरंगजेब और मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर आजमी ने इसे ‘‘राजनीतिक लड़ाई’’ करार दिया था। सोलकर ने दलील दी कि उक्त टिप्पणी किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से नहीं की गई थी। वकील ने दलील दी कि आरोपों से यह पता नहीं चलता कि आजमी ने जानबूझकर और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से बयान दिए थे।