मकरासन के लाभ, करने की विधि और सावधानियां
योग विज्ञान में मकरासन (Makarasana) एक अत्यंत सरल लेकिन प्रभावी आसन माना जाता है। यह आसन शरीर को गहरी विश्रांति प्रदान करता है और विशेषकर रीढ़, फेफड़ों और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इस ब्लॉग में जानिए मकरासन के लाभ।
संस्कृत शब्द “मकर” का अर्थ है मगरमच्छ, और “आसन” का अर्थ है मुद्रा। जब हम इस आसन में रहते हैं, तो शरीर की स्थिति पानी में आराम से तैरते हुए मगरमच्छ जैसी प्रतीत होती है। इसी कारण इसे मगरमच्छ आसन भी कहा जाता है।
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में, जहां तनाव और पीठ दर्द आम हो गए हैं, मकरासन हर उम्र के लोगों के लिए एक आसान और प्रभावशाली समाधान है।
मकरासन करने की विधि (Steps of Makarasana)
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योगा मैट पर पेट के बल सीधे लेट जाएं।
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धीरे-धीरे सिर और कंधे ऊपर उठाएं और ठुड्डी को दोनों हथेलियों पर टिकाएं।
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कोहनियों को ज़मीन पर रखें और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें।
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आंखें बंद करके सामान्य श्वास लें और शरीर को आराम दें।
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इस स्थिति में 3–5 मिनट रहें या जितनी देर सहज लगे।
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धीरे-धीरे शरीर को प्रारंभिक अवस्था में ले आएं।
मकरासन करते समय विशेष ध्यान (Procedure & Key Points)
1. कोहनी की स्थिति
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बहुत आगे हों → गर्दन में दबाव बढ़ेगा।
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बहुत पास हों → कमर पर खिंचाव होगा।
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सही दूरी पर रखें ताकि रीढ़ और गर्दन दोनों रिलैक्स रहें।
2. श्वास पर ध्यान
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श्वास अंदर लेते समय ध्यान रीढ़ की हड्डी को नीचे से ऊपर तक ले जाएं।
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श्वास छोड़ते समय ध्यान गर्दन से वापस नीचे की ओर लाएं।
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यह मानसिक रूप से रीढ़ की मालिश जैसा अनुभव देता है और ऊर्जा को सक्रिय करता है।
मकरासन के लाभ (Makarasana Benefits in Hindi)
नियमित अभ्यास से मकरासन शरीर और मन दोनों को गहरा लाभ देता है:
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पीठ दर्द, स्लिप डिस्क और सायटिका से राहत।
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रीढ़ की नसों के दबाव को कम करता है।
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गर्दन और कंधे के दर्द में आराम।
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दमा और ब्रॉन्काइटिस जैसे श्वसन रोगों में सहायक।
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फेफड़ों की क्षमता बढ़ाकर सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार करता है।
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पेट के अंगों की हल्की मालिश कर पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
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मन को शांति और तनाव से मुक्ति देता है।
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लंबे समय तक बैठकर काम करने वालों के लिए अत्यंत लाभकारी।
मकरासन के लिए सावधानियां (Contraindications)
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गंभीर कमर या रीढ़ की समस्या हो तो विशेषज्ञ की देखरेख में ही अभ्यास करें।
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अभ्यास के दौरान दर्द या असुविधा महसूस होने पर तुरंत रुकें।
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गर्भवती महिलाएं इसे न करें।
मकरासन का योग क्रम (Crocodile Pose Yoga Sequence)
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यह एक आरामदायक आसन है और आमतौर पर पीछे झुकने वाले आसनों (भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन) के बाद किया जाता है।
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इसके बाद पवनमुक्तासन या मार्जरी आसन करना लाभकारी होता है।
FAQs – मकरासन से जुड़े प्रश्न
1. मकरासन किसे करना चाहिए?
पीठ दर्द, सायटिका, सांस की तकलीफ और तनाव से पीड़ित लोगों को यह विशेष लाभ देता है।
2. मकरासन कब करना सबसे अच्छा है?
सुबह खाली पेट या शाम को जब शरीर थका हुआ हो।
3. मकरासन कितनी देर तक करना चाहिए?
3–5 मिनट तक पर्याप्त है। धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं।
4. क्या मकरासन से सांस की समस्या में राहत मिलती है?
हाँ, यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और दमा व ब्रॉन्काइटिस में सहायक है।
5. क्या मकरासन शुरुआती लोग कर सकते हैं?
हाँ, यह सरल और शुरुआती लोगों के लिए उपयुक्त आसन है।
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