भुजंगासन क्या है?
भुजंगासन जिसे अंग्रेज़ी में Cobra Pose Yoga कहा जाता है, एक बैकवर्ड बेंड योगासन है। यह रीढ़ की हड्डी को मज़बूत और लचीला बनाता है तथा पीठ की मांसपेशियों को टोन करता है।
शब्दार्थ (Meaning):
इस आसन में शरीर का ऊपरी भाग फन फैलाए नाग जैसा प्रतीत होता है, इसलिए इसका नाम भुजंगासन रखा गया है। यह सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में सातवां आसन है।
भुजंगासन कैसे करें (भुजंगासन करने की विधि)
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योगा मैट पर पेट के बल सीधा लेट जाएँ, पैरों को सीधा रखें और एड़ियों को आपस में मिलाएँ।
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हथेलियाँ कंधों के नीचे ज़मीन पर रखें, उंगलियाँ आगे की ओर हों।
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कोहनियाँ शरीर के पास रखें, माथा ज़मीन पर टिका दें और आँखें बंद करें।
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गहरी सांस भरते हुए धीरे-धीरे गर्दन, छाती और पेट का ऊपरी हिस्सा ऊपर उठाएँ।
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ध्यान दें कि नाभि के नीचे का हिस्सा ज़मीन से सटा रहे।
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पहले पीठ की मांसपेशियों से शरीर उठाएँ, फिर हाथों का सहारा लें।
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सामान्य श्वास-प्रश्वास लेते हुए इस स्थिति में 15–30 सेकंड रहें।
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वापस आते समय धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए छाती, कंधे और माथा ज़मीन पर टिकाएँ।
- शुरुआत में 3–5 बार दोहराएँ।
भुजंगासन करते समय सावधानियाँ
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अगर आपको अल्सर, हर्निया, हाइपरथायरॉइड या टीबी है तो इसे न करें या विशेषज्ञ की देखरेख में करें।
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गंभीर रीढ़ या पीठ की समस्या वाले लोग इसे सावधानी से करें।
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गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान इसे करना सुरक्षित नहीं है।
भुजंगासन के फायदे
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रीढ़ की हड्डी को मज़बूत और लचीला बनाता है।
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पीठ दर्द और थकान से राहत दिलाता है।
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फेफड़ों को फैलाकर सांस लेने की क्षमता बढ़ाता है।
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पेट की मांसपेशियों को खींचकर मज़बूत करता है।
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कब्ज़ की समस्या दूर करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है।
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महिलाओं में गर्भाशय और अंडाशय को टोन करता है तथा मासिक धर्म की असुविधा कम करता है।
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शरीर को आलस्य से मुक्त कर ऊर्जा और सक्रियता देता है।
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रक्त संचार को तेज करता है और तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करता है।
भुजंगासन के साथ अन्य योगासन
भुजंगासन को और प्रभावी बनाने के लिए इसे इन आसनों के साथ करें:
भुजंगासन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. भुजंगासन करने का सही समय क्या है?
👉 सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा माना जाता है।
Q2. भुजंगासन कितनी देर करना चाहिए?
👉 शुरुआती लोग 15–30 सेकंड तक करें, धीरे-धीरे समय बढ़ाएँ।
Q3. क्या भुजंगासन से पीठ दर्द में राहत मिलती है?
👉 हाँ, हल्के पीठ दर्द में लाभकारी है, लेकिन गंभीर चोट में न करें।
Q4. क्या इसे रोज़ाना किया जा सकता है?
👉 हाँ, प्रतिदिन अभ्यास करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
Q5. क्या गर्भावस्था में भुजंगासन सुरक्षित है?
👉 नहीं, गर्भावस्था में यह आसन नहीं करना चाहिए।
भुजंगासन के फायदे शरीर, मन और आत्मा तीनों को लाभ पहुँचाते हैं। यह आसन रीढ़ को स्वस्थ, सांस को गहरा और मन को ऊर्जा से भर देता है। अगर इसे सही विधि और सावधानियों के साथ नियमित किया जाए, तो यह योगासन जीवन को स्वास्थ्य और स्फूर्ति से भर देता है। अपने दैनिक योगाभ्यास में भुजंगासन को ज़रूर शामिल करें।
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