संयुक्त राष्ट्र: इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा और हमास को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गाज़ा में हमास के खिलाफ इज़रायल को “यह काम खत्म करना होगा।”…उनके इस बयान का मतलब गाजा में हमास के पूर्ण खात्मे को लेकर है।
नेतन्याहू ने यह बयान उस समय दिया जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनके प्रति समर्थन कम होता जा रहा है और उन पर गाज़ा में विनाशकारी युद्ध समाप्त न करने के लिए तीखी आलोचना हो रही है। यूएनजीए में जैसे ही नेतन्याहू का भाषण शुरू होने वाला था, तभी कई देशों के प्रतिनिधि सामूहिक रूप से महासभा कक्ष से बाहर चले गए। नेतन्याहू के भाषण के दौरान कक्ष में असमझी चीख-पुकार गूंजती रही। हालांकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने हमास के खिलाफ नेतन्याहू के अभियान का समर्थन किया है।
कुछ लोग बजाते रहे तालियां
एक तरफ नेतन्याहू के भाषण का विरोध करने के लिए जहां कुछ राष्ट्राध्यक्ष व प्रतिनिधि यूएनजीए से बाहर निकल गए तो वहीं सभा में मौजूद कुछ लोग तालियां भी बजाते रहे। महासभा के कई हिस्सों में तालियों की गूंज सुनाई देती रही। वहीं नेतन्याहू पूरे लय और ओज में अपना भाषण देते रहे।
नेतन्याहू ने जैकेट पर लगाया क्यूआर कोड
नेतन्याहू ने गाजा पर एक तस्वीर पेश किया। यह एक मानचित्र जैसा था, जिस पर “THE CURSE” (शाप) शीर्षक था। उन्होंने उस पर एक बड़े मार्कर से निशान लगाए। बाद में, उन्होंने अपनी जैकेट पर एक QR कोड चिपकाया और एक बोर्ड दिखाया जिस पर बहुविकल्पीय प्रश्न लिखा था, जिसे उन्होंने दर्शकों को पढ़कर सुनाया। अपने भाषण में नेतन्याहू ने बार-बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की, जो क्षेत्र में उनके राजनीतिक और सैन्य दृष्टिकोण के प्रमुख समर्थक रहे हैं।
इजरायल ने गाजावासियों का फोन लिया कब्जे में
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि एक अभूतपूर्व अभियान के तहत इज़रायली सेना गाज़ा के निवासियों और हमास के सदस्यों के मोबाइल फोन पर नियंत्रण करेगी और उनका भाषण इन मोबाइल उपकरणों के माध्यम से लाइव प्रसारित किया जाएगा। इसके कुछ ही देर बाद खबर आई कि इजरायली सेना ने गाजावासियों का फोन अपने कब्जे में ले लिया है।
नेतन्याहू ने दिया दुनिया को जवाब
नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने, युद्ध अपराधों के आरोपों और संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव बढ़ने का सामना करना पड़ रहा है, जिसे वे लगातार और गंभीर रूप से बढ़ा रहे हैं। शुक्रवार को दुनिया के सबसे बड़े मंच पर उनका यह भाषण अंतरराष्ट्रीय आलोचना का जवाब देने का प्रयास था।









