पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) को लेकर एनडीए ने अपने मोहरे सेट करने शुरू कर दिए हैं। वहीं बीजेपी के लिए सबसे बड़ी टेंशन सीएम फेस हैं, क्योंकि जेडीयू जहां एक तरफ नीतीश कुमार को फिर से सीएम फेस के तौर पर पेश करने के लिए बीजेपी पर दबाव बना रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी इस मुद्दे पर अभी खुलकर कुछ भी नहीं बोल रही है।
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भागलपुर में थे, जहां उन्होंने बीजेपी-जेडीयू की एक जॉइंट रैली को संबोधित किया था। पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को लाडले मुख्यमंत्री कहा है, लेकिन JDU के कई नेता इससे खुश नहीं थे। उन्हें उम्मीद थी कि पीएम मोदी इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में नीतीश को एनडीए का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेंगे, लेकिन यह नहीं हुआ।
बेटे ने सबसे पहले उठाई CM फेस की मांग
बिहार में किसी भी जेडीयू नेता ने अभी खुलकर जेडीयू नेता ने इस संबंध में प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं की है, लेकिन नीतीश के बेटे निशांत कुमार ने पीएम मोदी की रैली के ठीक एक दिन बाद ही मांग की कि एनडीए उनके पिता को आगामी चुनावों के लिए सीएम उम्मीदवार घोषित करे।
खास बात यह है कि निशांत अभी राजनीति में आधिकारिक तौर पर नहीं आए हैं। पीएम मोदी द्वारा सीएम नीतीश को लाडला कहे जाने पर निशांत कुमार ने कहा कि भाजपा गठबंधन का हिस्सा है, इसलिए प्रधानमंत्री द्वारा मेरे पिता के लिए इस तरह की बात कहना स्वाभाविक था।
कैबिनेट विस्तार में भी बढ़ी JDU की टेंशनएक साल से ज़्यादा समय से खाली पड़े पदों को नीतीश कैबिनेट में सात नए मंत्रियों को शामिल किया गया है, जो सभी बीजेपी से हैं। इससे जेडीयू की स्थिति और भी खराब हो गई है। हालांकि कैबिनेट विस्तार तय फॉर्मूले के अनुसार हुआ है, बीजेपी को 21 सीटें, जेडीयू को 13 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और एक-एक निर्दलीय को सीटें दी गई हैं।
2005 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि नीतीश अपने कैबिनेट को पूरी क्षमता तक बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। इसके अलावा, बीजेपी के एक मंत्री कुर्मी जाति से हैं, जो नीतीश का समुदाय भी है, और दूसरे कुशवाहा समुदाय से है, जो एक और ओबीसी समूह है जिसे जेडी(यू) लुभाने की कोशिश कर रहा है।
RJD का नीतीश पर तंज
आरजेडी ने इन सारे मुद्दों के जरिए जेडीयू पर तंज सके हैं। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार को उनके बेटे निशांत का संदेश समझ में नहीं आया, जिन्होंने बहुत ही चालाकी से एनडीए से नीतीश को सीएम उम्मीदवार घोषित करने के लिए कहा है। पिछले शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन आरजेड़ी राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश 2025 के विधानसभा चुनावों के बाद सीएम के रूप में सदन में वापस नहीं आएंगे।
CM फेस को लेकर कन्फ्यूजन में BJP?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि चुनाव एनडीए नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाएगा। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि वे सीएम उम्मीदवार के तौर पर नीतीश का समर्थन करेंगे। मांझी ने नीतीश की मौजूदगी में पटना के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए 243 सदस्यीय सदन में 225 से अधिक सीटें जीतेगा।” मांझी ने निशांत के राजनीति में आने की संभावना का भी स्वागत किया।
दिलीप जायसवाल ने कुछ घंटों बाद ही बदला अपना बयान
चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और उपेंद्र कुशवाह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) सहित अन्य BJP सहयोगियों ने भी एनडीए के सीएम चेहरे के रूप में नीतीश का समर्थन किया। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि दिलीप जायसवाल ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए दावा किया कि मीडिया ने ही बयान को गलत तरीके से पेश किया है। जब मैंने कहा कि एनडीए नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाएंगे, तो यह स्पष्ट है कि वे हमारे सीएम चेहरे हैं।
वास्तव में, हम मिशन 2025 का नारा लेकर आए हैं।हालांकि जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा के राज्य नेतृत्व पर उसके केंद्रीय नेताओं द्वारा लगाम लगाई जानी चाहिए। हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री भागलपुर में नीतीश कुमार को सीएम चेहरे के रूप में घोषित करेंगे ताकि समय-समय पर इस मामले पर अलग-अलग बयानों पर रोक लग सके।