लखनऊ। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सांस्कृतिक कार्यक्रम के सहयोग से सृजन शक्ति वेलफेयर सोसायटी ने देश प्रेम पर आधारित मुंशी प्रेमचंद कहानी का मंचन उच्य प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर चेचरुआ,कम्पोजिट विकास खण्ड बाराबंकी के स्कूल प्रांगण में किया।
मुंशी प्रेमचंद की कहानियां इतने सरल संवेदनशील और दिल को छू लेने वाली लगती हैं कि पढ़ते ही इन्हें मंचन करने का मन करता है इसलिए जितना मंचन इनकी कहानियों का हुआ है शायद ही किसी अन्य लेखक की कहानियों का हुआ होगा। ऐसी ही एक कहानी है मां।
करुणा(डॉ सीमा मोदी) आज सात वर्ष की सज़ा काट कर लौट रहे अपने स्वतंत्रता सेनानी पति (नवनीत मिश्रा) आदित्य की प्रतीक्षा कर रही है उसकी कल्पना है कि हजारों की भीड़ उसे इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ ससम्मान लेकर आ रही होगी, किंतु घर लौटता है दुर्बल बीमार ,अकेला, आदित्य ,जो उसी रात अपने पुत्र प्रकाश को भी उसके जैसा स्वतंत्रता सेनानी बनाने का स्वप्न देखकर दम तोड़ देता है। करुणा अपने दुख को समेटते हुए वायदा करती है कि वो अपने पुत्र को भी अपने पिता की तरह ही देश सेवा के लिए प्रेरित करेगी। उसे भी देश के लिए प्राण न्योछावर करने की प्रेरणा देगी।