देवरिया। सूबे की भाजपा सरकार भ्रस्टाचार और अपराध पर जीरो टालरेंस की बात करती है,परन्तु मातहत अधिकारी धरातल पर बाधक बनते हुए निर्देशों के अनुपालन में सरकार कि मंशाओं को सफल नहीं होने दें रहें हैं। मामला है प्रदेश के देवरिया जनपद का। पर्यावरण को स्वच्छ रखने हेतु केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व एन जी टी के दिशा निर्देशों का क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का है और अवैध रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कि बगैर सहमति व बंदी आदेश के बावजूद नगर पंचायत बरियारपुर सीमा अंतर्गत भंडसरा स्थित एक ईंट भट्ठा बोर्ड के तमाम आदेशों को दरकिनार करते हुए गत 5 वर्षों से अवैध रूप से संचालित हो रहा है।
बता दें कि मानक विहीन व प्रतिबंधित विजय कुमार मल्ल (वी के एम) ईंट उद्योग को गत 2021 में ही उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूर्णतः बंदी का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद यह ईंट भट्ठा किसी भी हाल में फायर नहीं किया जाना चाहिए बावजूद जिले के कुछ अधिकारियों से संरक्षित यह मामला ज़ब सोशल मीडिया समेत अखबारों की सुर्खिया बनने लगा तो जिला प्रशासन 5 फ़रवरी 2025 को टीम गठित कराकर भट्ठे में पानी डलवा दिया परन्तु दूसरे दिन ही भट्ठा स्वामी ने जिला प्रशासन को खुली चुनौती दे डाली और भट्ठे को पुन: फायर कर दिया।
बताया जाता है कि आबादी से लगे इस ईंट भट्ठे के आस पास करीब आधा दर्जन विद्यालय संचालित हैं जिसमें हजारों बच्चे पढ़ाई करते हैं। स्थानीय जन का कहना है कि इस ईंट भट्ठे पर कच्ची शराब का उत्पादन धड़ल्ले से होता है। श्रम विभाग के गाइड लाइन को दर किनार कर नाबालिग बच्चों से मजदूरी भी कराई जाती है। इस सम्बन्ध में कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मानक विहीन ईंट भट्ठे के संचालन से पर्यावरण को गंभीर खतरा है। इस ईंट भट्ठे के बंदी का आदेश वर्षो पूर्व जारी किया जा चुका है फिर भी जिले के कुछ अधिकारी ईंट भट्ठा माफिया विजय कुमार मल्ल के प्रभाव के सामने नत मस्तक हो गए हैं।
यही कारण है कि यह ईंट भट्ठा पूर्ण रूप से बंद नहीं हो पा रहा है। आस पास के लोगों ने बताया कि इस अवैध ईंट भट्ठे के विरुद्ध जिले से लेकर शासन तक तमाम शिकायतें की गयी है जिसके क्रम में जिला प्रशासन ने गत 5 फ़रवरी को प्रदूषण नियंत्रण बॉर्ड के भट्ठा बंदी का आदेश का अनुपालन करा तो दिया लेकिन ठीक दूसरे ही दिन भट्ठा स्वामी ने भट्ठा फायर कर दिया, जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है।