इंदौर: इंदौर में उस समय दुखद घटना सामने आई जब 45 वर्षीय दवा व्यापारी अमित चेलावत की बैडमिंटन खेलते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। यह घटना बुधवार सुबह अभय प्रशाल में हुई, जब वह रोजाना की तरह खेल रहा था। खेल के दो राउंड पूरे हो चुके थे कि अचानक उसके सीने में तेज दर्द हुआ और वह एक तरफ जाकर बैठ गया। साथियों ने तुरंत उसकी हालत भांप ली और सीपीआर देकर उसे बचाने की कोशिश की, जिससे वह कुछ देर के लिए होश में आ गया। इस दौरान उसे तुरंत सोरबिट्रेट टेबलेट देने की कोशिश की गई, लेकिन उसने लेने से मना कर दिया।
धार्मिक आस्था के चलते नहीं ली दवा
अमित चेलावत जैन धर्म के अनुयायी थे और नवकारशी परंपरा का पालन करते थे, जिसके अनुसार सुबह 8 बजे से पहले कुछ भी नहीं खाया जाता। धार्मिक आस्था के चलते उसने दवा लेने से मना कर दिया और साथियों ने जब उसे जबरदस्ती दवा देने की कोशिश की तो उसने दो बार मुंह से दवा थूक दी। इसी बीच उसे दूसरा दिल का दौरा पड़ा, जिससे वह बेहोश हो गया। उनके साथियों ने उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। अमित चेलावत की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। उनकी बड़ी बेटी अचामी अमेरिका में 5 साल के इंटीग्रेटेड कोर्स के अंतिम वर्ष में पढ़ रही है, जबकि उनकी छोटी बेटी मान्या 11वीं की छात्रा है। अमित न केवल दवा व्यवसाय से जुड़े थे, बल्कि स्टॉक ब्रोकिंग भी करते थे और उनका ऑफिस रैफल टावर में था।
बड़े भाई राहुल द्रविड़ के मित्र
उनके बड़े भाई अतुल चेलावत ‘मनोहर केमिस्ट’ नाम से मेडिकल स्टोर चलाते हैं। परिवार से जुड़ा एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि उनके भाई भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ के मित्र हैं। अमित के पिता की पांच साल पहले कोरोना महामारी के दौरान मौत हो गई थी। अमित की मौत के बाद उनके परिवार ने उनकी आंखें और त्वचा दान कर मानवता की मिसाल कायम की। इस घटना से इंदौर में शोक की लहर है और यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि हार्ट अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है और इसका तुरंत इलाज कितना जरूरी है।