नई दिल्ली। निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति में चीफ जस्टिस की भूमिका खत्म करने के केंद्र सरकार के कानून पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नयी याचिका दायर दी गई है। इस कानून को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही लंबित है। अब याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने नई अर्जी दाखिल कर कहा है कि अगले साल फरवरी में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग में एक जगह खाली होगी। ऐसे में अगर इस कानून पर रोक नहीं लगती तो फिर इस कानून के तहत ही नई नियुक्ति हो जाएगी।
इससे पहले भी मार्च में इस कानून की वैधता का मसला कोर्ट में लंबित रहने के दरम्यान आयोग में नियुक्ति हुई है। दरअसल, एडीआर ने भी एक याचिका दायर करके चयन समिति में चीफ जस्टिस को भी रखने की मांग की गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कुछ वकीलों ने भी याचिका दायर कर रखी है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून को चुनौती देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों में देश के चीफ जस्टिस को भी पैनल में शामिल करने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च, 2023 में अपने एक फैसले में मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल करने का आदेश दिया था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने एक नया कानून बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया की चयन समिति मेंं चीफ जस्टिस के बजाय सरकार के एक कैबिनेट मंत्री को शामिल कर दिया था।