8th Pay Commission: भारत सरकार के लाखों कर्मचारी और पेंशनभोगी लंबे समय से 8th Pay Commission का इंतजार कर रहे हैं। यह वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी, भत्तों और पेंशन में सुधार की उम्मीद लेकर आता है। हर वेतन आयोग एक निश्चित समय पर गठित होता है और उसकी सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों की वेतन संरचना में बदलाव किया जाता है।
साल 2016 में जब 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई थीं, तब लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ा फायदा हुआ था। अब 8वें वेतन आयोग से उम्मीदें और भी ज्यादा हैं, लेकिन इसकी प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह आयोग जनवरी 2026 से लागू हो पाएगा या इसमें और देरी होगी।
8th Pay Commission की स्थिति अभी क्या है?
फिलहाल 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। न तो इसका गठन हुआ है और न ही इसके लिए Terms of Reference यानी दायित्व तय किए गए हैं। जब तक ToR तय नहीं होता, तब तक आयोग का गठन और उसका काम शुरू नहीं हो सकता।
पिछले उदाहरण से समझें तो 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था और उसकी सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू की गई थीं। यानी पूरी प्रक्रिया में लगभग दो साल का समय लगा था। अगर 8th Pay Commission भी उसी रास्ते पर चलता है, तो इसे जनवरी 2026 से पहले लागू करना मुश्किल लगता है।
देरी की क्या वजहें हो सकती हैं?
सरकारी स्तर पर कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान आर्थिक स्थिति, बजट प्रबंधन और राजनीतिक प्राथमिकताओं के कारण सरकार इसे फिलहाल टाल रही है। इसके अलावा 2024 के आम चुनाव और नई सरकार के गठन के बाद ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है।
कुछ रिपोर्टों में यह भी अनुमान लगाया गया है कि अगर आयोग का गठन 2025 के मध्य तक नहीं हुआ, तो इसके लागू होने की समय-सीमा 2027 तक खिसक सकती है।
कर्मचारियों की सैलरी में क्या बदलाव हो सकता है?
अब बात करते हैं उस मुद्दे की जो हर कर्मचारी के मन में सबसे बड़ा सवाल है – कितनी बढ़ेगी सैलरी?
7वें वेतन आयोग में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जिससे बेसिक सैलरी में अच्छी वृद्धि हुई थी। अब 8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों को 2.5 से 3.0 के बीच फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद है। अगर यह 2.8 या 3.0 तय होता है, तो बेसिक वेतन में 30 से 40 प्रतिशत तक का इजाफा संभव है।
सिर्फ बेसिक सैलरी ही नहीं, DA (महंगाई भत्ता), HRA (मकान किराया भत्ता) और अन्य अलाउंस भी उसी अनुपात में बढ़ेंगे, जिससे कुल इनहैंड सैलरी में बड़ा बदलाव आएगा।
पेंशनभोगियों को क्या होगा फायदा?
8th Pay Commission का असर सिर्फ कर्मचारियों पर नहीं, बल्कि पेंशनधारकों पर भी होगा। पेंशन को भी नए पे-मैट्रिक्स के आधार पर री-कैलकुलेट किया जाएगा। इससे पेंशनधारकों की मासिक आय में अच्छी बढ़ोतरी संभव है।
बुजुर्ग पेंशनभोगी, जिनकी आय का एकमात्र स्रोत पेंशन होती है, उनके लिए यह राहत की बात होगी। वे भी सरकार से अपेक्षा कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस आयोग को लागू किया जाए।
कर्मचारी संगठन क्या कह रहे हैं?
कई कर्मचारी संघ और यूनियन सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि 8th Pay Commission की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए। उनका कहना है कि मौजूदा सैलरी ढांचा अब महंगाई के मुकाबले टिकाऊ नहीं रहा है।
बिजली, गैस, पेट्रोल, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतें महंगी हो चुकी हैं, जिससे मध्यमवर्गीय कर्मचारियों का बजट लगातार प्रभावित हो रहा है। ऐसे में उनका मानना है कि सरकार को जल्दी से आयोग की घोषणा करनी चाहिए।

क्या सरकार देगी कर्मचारियों को तोहफा?
हालांकि सरकार की तरफ से अभी कोई संकेत नहीं मिला है, लेकिन 2025-26 के बजट में या उससे पहले किसी बड़े त्योहार या चुनाव से पहले सरकार अगर यह घोषणा करती है, तो यह करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत भरी खबर होगी।
सरकार के पास विकल्प यह भी है कि वह एक नई वेतन समीक्षा प्रणाली पेश करे जिसमें आयोग के गठन की जरूरत ही न पड़े और नियमित समय पर वेतन में बदलाव हो। लेकिन ऐसी प्रणाली के संकेत फिलहाल नहीं हैं।
8th Pay Commission से उम्मीदें बहुत हैं, लेकिन इसके लागू होने में देरी की संभावना भी उतनी ही स्पष्ट है। जब तक सरकार आयोग का गठन नहीं करती, तब तक यह सिर्फ अटकलों और उम्मीदों का विषय बना रहेगा। फिर भी कर्मचारी संगठनों का सक्रिय रुख, और आर्थिक जरूरतें यह स्पष्ट करती हैं कि जल्द या देर से सही, लेकिन 8th Pay Commission जरूर आएगा।
यह आयोग आने पर न केवल लाखों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में सुधार होगा, बल्कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा मिलेगी, क्योंकि वेतन बढ़ने से बाजार में खर्च की क्षमता भी बढ़ेगी।