नई दिल्ली। एफआईएच हॉकी प्रो लीग (महिला) 2024-25 में लगातार हार का सामना कर रही भारतीय महिला हॉकी टीम अब टूर्नामेंट में बने रहने के लिए एशियाई प्रतिद्वंद्वी चीन से ‘करो या मरो’ की दोहरी भिड़ंत खेलेगी। बर्लिन में 28 और 29 जून को होने वाले इन दो मुकाबलों में भारत को हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी ताकि टीम को गिरावट (रिलिगेशन) से बचाया जा सके।
सलिमा टेटे के नेतृत्व वाली भारतीय टीम इस अहम मुकाबले में भारतीय पुरुष टीम से प्रेरणा लेगी, जिसने बीते हफ्ते बेल्जियम को हराकर प्रो लीग अभियान का अंत आत्मविश्वास के साथ किया था। पुरुष टीम ने आठवें स्थान पर रहकर टूर्नामेंट खत्म किया, जो कि अंतिम स्थान पर काबिज आयरलैंड से ऊपर था।
वर्तमान में चीन की टीम प्रो लीग की अंक तालिका में चौथे स्थान पर है, जबकि भारत नौवें (अंतिम) पायदान पर है। भारत के ऊपर आठवें स्थान पर इंग्लैंड है, जिससे भारत केवल एक अंक पीछे है। दोनों टीमों को लीग में अभी दो-दो मुकाबले खेलने हैं।
कप्तान सलिमा टेटे ने मुकाबले से पहले कहा, “यह हमारे लिए सप्ताहांत का बहुत ही अहम डबल हेडर है। लेकिन हम भारतीय पुरुष टीम से प्रेरणा लेंगे, जिन्होंने बेल्जियम जैसी मजबूत टीम को हराकर अपने अभियान का समापन शानदार तरीके से किया।”
सलिमा ने आगे कहा, “यह प्रो लीग अभियान हमारे लिए सीखने का अवसर रहा है, जिसमें कई कमजोरियां सामने आई हैं। हम जब घर लौटेंगे तो इन पहलुओं पर आत्ममंथन करेंगे, लेकिन फिलहाल हमारा पूरा ध्यान चीन के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन पर है।”
भारत को चीन के खिलाफ पिछले मुकाबलों से आत्मविश्वास मिलेगा। नवंबर 2024 में बिहार में हुए एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने पूल मुकाबले में चीन को 3-0 से हराया था, जबकि फाइनल में 1-0 से जीत दर्ज कर खिताब अपने नाम किया था। हालांकि, पिछले सीजन की प्रो लीग में भारत को डबल हेडर में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था।
सलिमा ने कहा, “चीन हमारे लिए जाना-पहचाना प्रतिद्वंद्वी है। हम कॉन्टिनेंटल टूर्नामेंट्स में अक्सर उनके खिलाफ खेलते हैं और उनकी क्षमताओं से भलीभांति वाकिफ हैं। वे एक मजबूत टीम हैं, लेकिन हम अपनी ताकत के अनुसार खेलेंगे।”