RBI Bank Restriction 2025: मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने बैंक पर कई गंभीर प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें पैसे की निकासी से लेकर नए लोन तक शामिल हैं। इस फैसले से बैंक के 1.3 लाख से अधिक खाताधारक प्रभावित हुए हैं। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में विस्तार से।
आरबीआई के प्रतिबंधों का विस्तृत विवरण
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक की खराब वित्तीय स्थिति और कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के आरोपों के चलते यह कठोर कदम उठाया है। बैंक पर लगाए गए प्रमुख प्रतिबंधों में शामिल हैं:
- खाताधारकों के लिए पैसे निकालने पर रोक
- नए ऋण देने पर प्रतिबंध
- नई जमा राशि स्वीकार करने पर रोक
- नई एफडी खोलने पर पाबंदी
खाताधारकों के लिए राहत की खबर
हालांकि इस स्थिति में खाताधारकों के लिए कुछ राहत की बातें भी हैं:
बैंक के 90 प्रतिशत से अधिक खाताधारकों के पास 5 लाख रुपये तक की जमा राशि है, जिसे जमा बीमा के तहत सुरक्षित रखा गया है। इसका मतलब है कि इन खाताधारकों को अपनी पूरी राशि वापस मिल सकेगी।
बैंक की वर्तमान स्थिति और ग्राहकों की चिंताएं
बैंक के ग्राहकों के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। विशेष रूप से:
EMI भुगतान को लेकर चिंता बिलों के भुगतान में परेशानी लंबे समय से जमा की गई राशि को लेकर अनिश्चितता
एक ग्राहक सीमा वाघमारे का कहना है कि उन्होंने हाल ही में पैसे जमा किए थे और अब उन्हें तीन महीने का इंतजार करना होगा। वहीं, 32 वर्षों से बैंक में खाता रखने वाली भानुमति को अपनी जमा राशि को लेकर चिंता सता रही है।
आरबीआई की निगरानी और आगे की राह
आरबीआई ने कुछ रियायतें भी दी हैं:
- मौजूदा जमाराशियों के खिलाफ सीमित ऋण की अनुमति
- कर्मचारियों के वेतन और आवश्यक खर्चों की अनुमति
- बैंक के दैनिक कामकाज को जारी रखने की व्यवस्था
ये प्रतिबंध 13 फरवरी 2025 से अगले छह महीनों तक प्रभावी रहेंगे। इस दौरान आरबीआई बैंक की स्थिति पर कड़ी नजर रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर नियमों में संशोधन कर सकता है।
निष्कर्ष
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर लगे प्रतिबंध बैंकिंग क्षेत्र में नियामक कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। हालांकि यह स्थिति खाताधारकों के लिए चिंताजनक है, फिर भी जमा बीमा सुरक्षा और आरबीआई की सक्रिय निगरानी से उम्मीद की जा सकती है कि स्थिति में जल्द सुधार होगा। खाताधारकों को धैर्य रखने की जरूरत है और आरबीआई के निर्देशों का पालन करना चाहिए। आने वाले समय में बैंक की स्थिति में सुधार की संभावनाएं बनी हुई हैं।