प्रधान सचिव ने दिया जांच का आदेश, निदेशक करेंगे दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई
पटना ( अ सं ) । एनजीटी, सीआ , पर्यावरण के नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए बालू बंदोबस्तधारी अवैध खनन तो कर ही रहें हैं सोन नदी के प्राकृतिक धारा को अवरूद्ध करते हुए बांध बना दिया है । उसको लेकर आम ग्रामीणों के साथ पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने बीते 16 नवंबर को ली गयी जीओ टैगिंग तस्वीर एवं वीडियो कार्रवाई के लिए संबंधित पदाधिकारियों को भेजा । जिला खनन पदाधिकारी पटना के आदेश पर माइंस इंस्पेक्टर रानीतलाब थाना के इक़बालगंज निसरपुरा गये ज़रूर लेकिन कार्रवाई के जगह बचाव में खड़ा रहे और जिला खनन पदाधिकारी को ग़लत रिपोर्ट किया की ऐसी कोई बात नहीं है ।
राष्ट्रीय दैनिक समाचार- पत्र “ तरूणमित्र “ ने मामले को प्रमुखता से लिया और मामले की सत्यता की जांच जब टीम से करायी तो जो सूचना प्राप्त हुआ था उससे भयंकर मामला सामने आया । तीन मीटर से अधिक गहराई कर जगह- जगह ख़तरनाक गड्ढे बना दिये गये है । पॉकलेन लगाकर पानी के अंदर से बालू का अवैध खनन किया जा रहा था । सोन नदी के प्राकृतिक प्रवाह ( नदी के धारा ) को विपरीत दिशा में मोड़ने के लिए पानी के बीचोंबीच बांध बना दिया गया है । इकबालगंज निसरपुरा ही नहीं बगल के जनपारा , जलपुरा , मसौढा , महाबलीपुर तक सोन नदी में अवैध बालू खनन कर बुरा हाल कर दिया गया है । यह कहना ग़लत नहीं होगा की बालू खनन के नाम पर सोन नदी का दुर्दशा कर दिया गया है और सभी मौन है । आम लोगों को मौन रखने और दहशत पैदा करने के लिए सोन नदी में सैकड़ों वैध – अवैध हथियार लिए खड़ा रहते है । अवैध बालू खनन से जुड़े जो सबूत लेने आम लोग जाते है उनकी जान – जोखिम में ही रहती है । यहीं नहीं शिकायतकर्ता के नाम तक बालू माफिया को बता दिया जाता है।
बीते वर्ष भी सोन नदी का अवैध बालू खनन के कारण बहुत बुरा हाल हुआ था लेकिन जांच और कार्रवाई फ़ाइल में दबी रह गयी और अवैध बालू खनन का मामला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया । अवैध बालू खनन में खनन विभाग का संरक्षण तो समझ में आता है । इस वर्ष से जल संसाधन विभाग, अवैध बालू खनन में शामिल हो गया है और अपनी हिस्सेदारी लेकर मौन है तभी तो सोन नदी के पानी के बीचोंबीच बांध बनाकर प्राकृतिक धारा को अवरुद्ध कर दिया गया है । सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल खगौल के अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रहा है या यह कहना ग़लत नहीं होगा – माल मिलता भाड़ में जाएं जनता।
सोन नदी में अवैध बालू खनन की शिकायत को प्रधान सचिव नरमदेश्वर लाल ने गंभीरता से लिया है । प्रधान सचिव ने खनन नियमावली और ई सी में दिए गये निर्देशों की सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है । खनन निदेशक से कार्रवाई की रिपोर्ट माँगी गयी है । अब देखना होगा की खनन निरीक्षक ने अवैध बालू खनन के बचाव में जो रिपोर्ट किया है वह ग़लत है या सहीं । खनन विभाग इसपर निर्णय लेगी । सबूतों को देखने से स्पष्ट हो रहा है की इक़बालगंज निसरपुरा और अन्य बालू घाटों से जुड़े जो अवैध खनन व सोन नदी को पानी के बीचोंबीच बांध बनाया गया है वह हकीकत में सही है और कार्रवाई की मांग जायज़ है ।
सोन नदी में अवैध बालू खनन का हाल और पानी के बीचोंबीच बांध pic.twitter.com/upjWCAHaIg
— Journalist ravish (@journlistravish) November 18, 2024
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