नई दिल्ली। लोकसभा में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को राहुल गांधी के संविधान के 75 वर्ष पूरे होने की गौरव गाथा पर दिए गए बयानों पर कटाक्ष किया। ठाकुर ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता संविधान में कितने पन्ने हैं । वहीं रविशंकर ने राहुल के तपस्या का अर्थ बताए जाने को हास्यास्पद बताया। अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के वक्तव्य के बाद लोकसभा में कहा कि संविधान की कॉपी लहराने वालों को पता नहीं है कि भारतीय संविधान में कितने पन्ने हैं। यह संविधान की ताकत ही थी, जिसने इंदिरा गांधी को आपातकाल खत्म करने पर मजबूर कर दिया।
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान भाजपा पर हमला करने के लिए एकलव्य की कहानी का हवाला दिया था। इसके जवाब में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। अनुराग ठाकुर ने कहा, हुये अंगूठा काटने की बात करते हैं इनके राज में (कांग्रेस के शासन) सिक्खों के गले काटे गए।ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता संविधान को अपनी जेब में रख कर घूमते हैं। वे उनसे कहना चाहते हैं कि इसे केवल लेकर घूमने से कुछ नहीं होगा। इसे पढ़कर भी देखना चाहिए। इससे पता चलेगा की कैसे गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी ने संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया है।दूसरी ओर रविशंकर प्रसाद ने भी राहुल गांधी पर कई तरह से कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि राहुल कहते हैं कि 6-7 साल मे व्यक्ति युवा हो जाता है। तपस्या से गर्मी आती है । वे उनसे कहना चाहते हैं कि तपस्या जैसे पवित्र शब्द को क्यों बदनाम रहे हैं। रविशंकर ने राहुल से कहा कि उन्हें अंडमान सेल्युलर जेल का दौरा करना चाहिए। जहां वीर सावरकर को यातना दी गई थी। विपक्ष के नेता को अपना ट्यूटर बदलने की जरूरत है।प्रसाद ने कहा कि विपक्षी सांसद सरदार पटेल के बारे में कभी चर्चा नहीं करते। सरदार पटेल ने 500 रियासतों को संभाला और भारत को एकजुट किया।
नेहरू ने अपने कार्यकाल में केवल एक को संभाला जिसे प्रधानमंत्री मोदी को संभालना पड़ा। वे अफजल गुरु के मानवाधिकारों की मांग करते हैं लेकिन शहीदों की पत्नियों के बारे में कभी नहीं बोलते। हम इन शहीदों के परिजनों का समर्थन करेंगे। रविशंकर प्रसाद ने आपातकाल की यातनाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस कार्यकतार्ओं के नाखून उखाड़ दिए गए थे और जॉर्ज फर्नांडिस के भाई को लगभग मार डाला गया था।भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने राजेंद्र प्रसाद, नेहरू और अन्य द्वारा हस्ताक्षरित संविधान की मूल प्रति साझा की। इसमें भगवान राम, सीता, कृष्ण, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिंद सिंह, रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीरें थीं।