लखनऊ। डालीबाग में स्थित मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास और उमर अंसारी की जमीनों पर बनाए जा रहे प्रधानमंत्री आवास पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की डबल बेंच ने सुनवाई के बाद यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को याचिका पर सुवनाई करने का आदेश दिया है। बता दें कि इस मामले को लेकर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर की जमीनों पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाने की यूपी सरकार की योजना पर रोक लगा दी है।
दरअसल,लखनऊ के हजरतगंज के डालीबाग इलाके में मुख्तार अंसारी के पिता सुभानउल्लाह अंसारी ने जमीन खरीदी थी। सुभानउल्लाह अंसारी की मौत के बाद जमीन उनकी पत्नी राबिया बेगम के नाम ट्रांसफर हो गई। राबिया बेगम ने यह 10 बिस्वा जमीन सबसे छोटे बेटे मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी को वसीयत कर दी थी। साल 2020 में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस जमीन पर बने दो टावर को अवैध बताते हुए उन्हें ध्वस्त कर दिया था और इसे शत्रु संपत्ति बताया था। उस समय अंसारी परिवार की तरफ से इस कार्रवाई का विरोध किया गया था।
योगी सरकार ने प्रयागराज में अतीक अहमद की कब्जाई जमीन पर गरीबों के लिए पीएम आवास बनाए थे। इसी के साथ यूपी सरकार लखनऊ में भी मुख्तार अंसारी के परिवार की जमीन पर पीएम आवास के तहत घर बनाने जा रही थी। इसको लेकर अब्बास अंसारी कोर्ट चले गए थे। अब्बास अंसारी की तरफ से जमीन के मालिकाना हक और निर्माण को अवैध ढंग से गिराने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाली गई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई करने का आदेश दिया। उसके बाद भी जब याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई तब अब्बास अंसारी ने फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को भी अब्बास अंसारी की याचिका पर जल्द सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं।