महिंद्रा XEV 9E का रियल वर्ल्ड रेंज टेस्ट: एक चार्ज में चली 441 किमी, 1% बैटरी पर पहुंची चार्जिंग स्टेशन
गुड़गांव से जयपुर तक हाईवे और सिटी ड्राइव में किया गया ईवी का लंबा परीक्षण
Mahindra की नई इलेक्ट्रिक SUV, XEV 9E, का हाल ही में एक रियल वर्ल्ड रेंज टेस्ट किया गया, जिसमें कार को 100% चार्ज कर के गुड़गांव से जयपुर और फिर वापस गुड़गांव तक चलाया गया। इस पूरे सफर में कार कुल 441 किलोमीटर चली और आखिरी में 1% बैटरी शेष रहने पर चार्जिंग स्टेशन पहुंची।
यह टेस्ट YouTuber सोमेश चौधरी द्वारा उनकी टीम के साथ किया गया जिसमें कुल पांच लोग गाड़ी में सवार थे और पूरा सफर एसी ऑन रखकर किया गया। गाड़ी का मॉडल था XEV 9E Type 3 Pack, जिसमें 79 kWh की बैटरी दी गई है।
चार्जिंग प्रक्रिया से लेकर रेंज कन्फर्मेशन तक का सफर:
टेस्ट की शुरुआत गुड़गांव से की गई, जहां गाड़ी को Statiq App की मदद से EArthon EV चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज किया गया। 61% से 100% चार्जिंग में लगभग 30–35 मिनट का समय लगा। चार्जिंग पूरी होने पर गाड़ी की डिस्प्ले रेंज 615 किलोमीटर दिखाई गई (एसी बंद पर), और 533 किलोमीटर (एसी ऑन पर)।
रियल कंडीशंस में XUV 9E की परफॉर्मेंस:
– पूरे सफर के दौरान गाड़ी को नॉर्मल (डिफॉल्ट) मोड में चलाया गया।
– स्पीड क्रूज कंट्रोल पर औसतन 100–110 किमी/घंटा रही।
– Level 2 Regeneration Mode को ऑन रखा गया।
– जयपुर तक की दूरी थी लगभग 270 किमी, जिसके बाद गाड़ी की बैटरी 36% शेष थी।
– वापसी में एनएच-2 हाईवे रूट चुना गया ताकि चार्जिंग स्टेशन आसानी से उपलब्ध हों।
– 441 किमी के कुल सफर के अंत में गाड़ी का ऑडोमीटर 3197 किमी पर पहुंचा, जो टेस्ट की शुरुआत में 2756 किमी था।
अंतिम चरण में बढ़ा तनाव:
वापसी के रास्ते में जैसे–जैसे बैटरी 10%, फिर 5%, और आखिर में 1% तक पहुंची, टीम को EV रेंज एंग्जायटी का अहसास हुआ। आखिरी में गाड़ी Glida EV चार्जिंग स्टेशन तक पहुंची, जहां 1% बैटरी और केवल 3 किमी रेंज बाकी थी।
XEV 9E के Range Test से मिले निष्कर्ष:
– Mahindra XEV 9E ने हाईवे और सिटी ड्राइव के मिश्रण में कुल 441 किमी की रेंज दी।
– कुल बैटरी कंजम्पशन में से 91% ड्राइविंग में, और शेष एयर कंडीशनिंग और फोन चार्जिंग जैसी सुविधाओं में उपयोग हुई।
– क्रूज कंट्रोल पर रेंज थोड़ी कम मिली, जबकि मैन्युअल मोड और सिटी रीजनरेशन के कारण रेंज बेहतर रही।
निष्कर्ष:
Mahindra XEV 9E ने इस रियल–वर्ल्ड टेस्ट में भरोसेमंद प्रदर्शन किया है। जहां ब्रांड 600+ किमी की क्लेम्ड रेंज देता है, वहीं यह कार 5 यात्रियों के साथ एसी ऑन कंडीशन में 441 किमी तक चली, जो कि एक मजबूत परफॉर्मेंस माना जा सकता है।
EV चार्जिंग नेटवर्क और यूजर Experience की चुनौती:
इस टेस्ट ने यह भी उजागर किया कि देश में EV चार्जिंग नेटवर्क अब पहले से बेहतर हो रहा है, लेकिन अब भी सुधार की आवश्यकता है। सोमेश और उनकी टीम ने सफर के दौरान Static App का इस्तेमाल करके चार्जिंग स्टेशन खोजे, लेकिन अंतिम चरण में बैटरी 1% तक पहुंचने के बाद anxiety एक प्रमुख मुद्दा बन गया।
ईवी यूजर के रूप में यह अनुभव बताता है कि चाहे कार की क्षमता कितनी भी हो, चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता और लोकेशन एक बड़ा फैक्टर बन चुकी है। खासकर रात में, जब चार्जिंग स्टेशन मिलना मुश्किल होता है, तब यूजर को अतिरिक्त सावधानी रखनी पड़ती है।
टेक्नोलॉजी और एनालिटिक्स की मदद:
गाड़ी में उपलब्ध एनर्जी एनालिटिक्स फीचर ने स्पष्ट रूप से यह दिखाया कि कुल बैटरी का लगभग 94% ड्राइविंग में, 3.6% क्लाइमेट कंट्रोल में, और शेष फोन चार्जिंग, स्क्रीन, एवं प्री–कंडीशनिंग में खर्च हुई। यह जानकारी उपयोगकर्ता को यह समझने में मदद करती है कि कौन से फैक्टर्स बैटरी ड्रेनेज को प्रभावित करते हैं।
ग्राहकों के लिए सुझाव:
यदि आप एक लंबी दूरी की यात्रा प्लान कर रहे हैं और EV लेना चाहते हैं, तो आपके लिए जरूरी है कि:
– रूट पर चार्जिंग स्टेशन पहले से चेक करें
– गाड़ी को पूरी तरह चार्ज कर के ही सफर शुरू करें
– Static जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करें जो आपको नजदीकी चार्जिंग पॉइंट्स दिखाएं
– और सबसे जरूरी, EV रेंज पर भरोसा करें, लेकिन कुछ बैकअप हमेशा रखें