लखनऊ । इस बार का महाकुंभ विकसित भारत की शुरुआती झलक प्रस्तुत कर रहा है। महाकुम्भ भारत की प्राचीन परंपरा है। हजारों बार आयोजित हो चुका है, लेकिन इस बार शासन स्तर से व्यवस्था को विश्व स्तरीय और बेहतर बनाने की सफल कोशिश की गयी। ये बातें उप्र के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को कही। उन्होंने यह भी कहा कि इस महाकुंभ के आयोजन में उसी भावना से कार्य किया जा रहा है और इसका उद्देश्य भारत की शक्ति को पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत करना है।
नगर विकास विभाग महाकुंभ में नोडल विभाग होने और नगर विकास मंत्री होने से हमारी जिम्मेदारी भी बड़ी थी, जिसे मैं स्वयं और अपनी टीम के अथक प्रयासों से इस मिशन में सफल होते दिख रहे है।नगर विकास मंत्री ने कहा कि अमेरिका से आई एक एनआरआई महिला ने महाकुंभ में उपलब्ध सुविधाओं और व्यवस्थाओं की जमकर प्रशंसा की। जब उन्हें बताया गया कि महाकुंभ क्षेत्र की वर्तमान जनसंख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या से अधिक है, तो वे आश्चर्यचकित रह गईं। इसी तरह मूलरूप से बंगाल के लेकिन अब युगांडा में बसे एक व्यक्ति ने कहा कि महाकुंभ की सुविधाएं शानदार हैं। बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता और अन्य कई स्थानों से आए श्रद्धालुओ से यह कहते हुए सुने गए कि महाकुंभ की सुविधाएं कई विकसित और व्यवस्थित शहरों से बेहतर हैं।
उन्होंने कहा कि संपूर्ण विश्व से आए श्रद्धालुओ ने विशेष रूप से महाकुंभ में मिले आध्यात्मिक एवं भौतिक अनुभवों की प्रशंसा कर रहे हैं। महाकुम्भ की स्वच्छता और प्रकाश व्यवस्था ने उन्हें सबसे अधिक प्रभावित किया। इस बार महाकुंभ के अलौकिक बनने का कारण यह रहा कि इस बार तैयारियां अत्यधिक सुनियोजित तरीके से की गई हैं। कार्यान्वयन में कोई कमी नहीं छोड़ी गई, सुविधाओं के रखरखाव में खासतौर से स्वच्छता और सफाई की लगातार निगरानी के साथ कार्यों पर नजर रखी जा रही है।
1200 किमी बिछाई गयी है पेयजल की पाइप लाइन
नगर विकास मंत्री ने महाकुंभ के व्यवस्थापन की विशालता और उन्नयन को दर्शाने के लिए कुछ ठोस उदाहरण भी दिए। उन्होंने आगे कहा कि भारत कुछ भी कर सकता है, कुछ भी संरचना बना सकता है और कुछ भी प्रतिपूर्ति करा सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले महाकुंभ क्षेत्र के हर कोने में पानी पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर 1200 किलोमीटर की पेयजल पाइपलाइन बिछाई गई है। 70,000 से अधिक पेयजल नल कनेक्शन तंबुओं, कार्यालयों, दुकानों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर दिए गए। 24 घंटे शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए 250 वाटर एटीएम लगाए गए। श्रद्धालुओं के लिए 1.5 लाख शौचालय बनाए गए हैं और उनकी नियमित सफाई की जा रही है।
बीस हजार से अधिक सफाई कर्मी लगे हैं
उन्होंने बताया कि इसी तरह महाकुंभ की स्वच्छता और सफाई बनी रहे इसके लिए 20,000 से अधिक सफाईकर्मी, हजारों मशीनें और उतनी ही संख्या में पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इसी के बदौलत महाकुंभ को अत्यधिक सराहा जा रहा है। कुम्भ मेला क्षेत्र में 1.25 लाख से अधिक तंबू लगाए गए, जहां पर पारिवारिक व्यक्तियों, धार्मिक संगठनों, सरकारी संस्थानों और सामाजिक संगठनों को ठहराया गया है। इन टेंट में बिजली की सुविधा के लिए 05 लाख से अधिक बिजली कनेक्शन दिए गए। 75,000 एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। इनमें 2700 एआई कैमरे, 52,000 जियो-टैग किए गए विद्युत पोल और दो तीन समर्पित कमांड एवं कंट्रोल सेंटर शामिल है।