दुबई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी पर कब्जे की बात कहकर दुनिया को हैरानी में डाल दिया है। उनकी यह घोषणा विरोधियों के साथ ही अमेरिका के सहयोगियों को भी पसंद नहीं आई है।
उनके इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया और तीखी आलोचना की है। ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ मंगलवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अमेरिका युद्ध से तबाह गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और इस क्षेत्र का विकास करेगा।
सऊदी अरब ने दी प्रतिक्रिया
अमेरिका के अहम सहयोगी सऊदी अरब ने गाजा पट्टी पर कब्जा करने के ट्रंप के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि वह एक स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र का वह लंबे समय से आह्वान करता रहा है और उसका यह रुख दृढ़ और अटूट है।
फलस्तीनी राष्ट्र के निर्माण के बिना इजरायल के साथ संबंध बनाए नहीं जाएंगे। जबकि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने फलस्तीन को लेकर द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अलबनीज ने कहा कि उनकी सरकार द्वि-राष्ट्र समाधान का लंबे समय से समर्थन करती है।
चीन ने भी किया विरोध
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि दो-राष्ट्र समाधान के लिए उसका दीर्घकालिक समर्थन रिकॉर्ड में है। चीन ने कहा कि वह गाजा में लोगों के जबरन स्थानांतरण का विरोध करता है। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, ‘चीन ने हमेशा यह माना है कि फलस्तीनियों का शासन गाजा के युद्धोत्तर शासन का मूल सिद्धांत है।’ तुर्किये के विदेश मंत्री हकान फिदान ने कहा कि गाजा पट्टी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी अस्वीकार्य है।
मिस्त्र के विदेश मंत्रालय और फलस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा ने फलस्तीनियों को निकाले बगैर गाजा का पुनर्निर्माण करने का आह्वान किया है। गाजा पर शासन करने वाले हमास ने ट्रंप के बयान को बेतुका करार दिया और कहा कि इस तरह की कोई भी योजना क्षेत्र में आग लगा सकती है। यमन के बड़े हिस्से पर काबिज हाउती विद्रोहियों ने ट्रंप की गाजा योजना को अमेरिका का अहंकार बताया है।
ट्रंप के घर में भी विरोध
अमेरिका में विपक्षी नेताओं ने ट्रंप के विचार को खारिज किया है। डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस कून्स ने ट्रंप के बयान को आपत्तिजनक, खतरनाक और मूर्खतापूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘इस विचार से दुनिया के हमारे बारे में यह सोचने का जोखिम उत्पन्न हो गया है कि हम एक असंतुलित और गैर भरोसेमंद सहयोगी हैं, क्योंकि हमारे राष्ट्रपति पागलपन वाला प्रस्ताव दे रहे हैं।’