थोड़े दिन पहले जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो भारत आए थे तब उनकी किसी बात को लेकर भारत से मतभेद हो गए थे, इसके कारण भारत और कनाडा के रिश्ते आपस में बिगड़ गए थे. अब इस चीज का कामयाजा भारत के पंजाबी लोगों को उठाना पड़ रहा है, और वहां रहने वाले 5 लाख पंजाबी लोग कभी भी भारत वापस आ सकते हैं. यह खबर आ रही है कि कनाडा की सरकार ने स्टडी परमिट और परमानेंट रहने वालों की संख्या को सीमित कर दिया है जिसका सबसे बड़ा प्रभाव भारत के लोगों पर पढ़ सकता है जिसमें ज्यादातर संख्या पंजाब के स्टूडेंट है.
5 लाख स्टूडेंट छोड़ सकते हैं कनाडा
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की तकरीबन 5 लाख लोगों को कनाडा को छोड़ना पड़ सकता है इनमें से कुछ लोग तो स्टूडेंट विजा पर कनाडा गए हुए हैं और कुछ लोग वहां पर रह रहे हैं. कनाडा के वीजा ऑफिस में तकरीबन 10 लाख फर्जी आई थी जो की बैकलॉग से संबंधित थी और इसमें आवेदन करने वाले सबसे ज्यादा संख्या पंजाब के लड़कों की थी. यह सब आवेदन अभी अधर में लटके पड़े हैं और पंजाब के लोगों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि एक तो उनका वर्क वीजा खत्म हो रहा है और ना ही सरकार उनको क्लियर कर रही है.
जब हमारे पत्रकार ने वहां के रहने वाले एक लड़के से बात की तो उसने बताया कि उसको यहां रहते हुए तकरीबन 4 साल से ऊपर हो गए हैं. लेकिन कनाडा की सरकार उनका पी आर की फाइल क्लियर नहीं कर रही है पंजाब के सिख लोग जो वहां पर कर रहे हैं उसे वहां कनाडा वाले लोग उनके खिलाफ हो गए हैं.
पंजाबी युवाओं के भविष्य लटका अधर में
अब वहां के रहने वाले पंजाबियों के सामने दो ही ऑप्शन रह गए हैं या तो वह कनाडा में अवैध रूप से रहे या फिर भारत वापस आ जाएं. इस कारण वहां रहने वाले छात्र कनाडा के प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उनको अपना भविष्य खराब दिखाई दे रहा है. उन्होंने अपने सारे पैसे कनाडा आने पर लगा दिए और अब उन्हें यहां भी कुछ नहीं मिल रहा है.