- लोकसभा में हेमा मालिनी बोलीं- बड़ी घटना नहीं थी
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने लोकसभा में मंगलवार को महाकुंभ के दौरान हुए हादसे में हताहतों की संख्या पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि सरकार बताए कि महाकुंभ भगदड़ में कितने लोगों की मौत हुई है। संसद के बजट सत्र की शुरुआत से ही समाजवादी पार्टी लगातार इस मुद्दे को उठा रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश ने मांग की कि महाकुंभ प्रबंधन के बारे में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। अखिलेश ने कहा कि उनका मानना है कि महाकुंभ के आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को सौंप देनी चाहिए। इसके अलावा महाकुंभ त्रासदी के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ दंडनीय कार्रवाई होनी चाहिए और उन लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो इसे कवर करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने कुंभ हादसे पर दुख जताया लेकिन इसके 17 घंटे बाद तक राज्य सरकार ने इसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि मृतकों को जेसीबी मशीनों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों का उपयोग करके उठाया गया। किसी को नहीं पता कि उन्हें कहां फेंका गया। मामले को दबाने के लिए मीडिया का भी सहारा लिया गया। यादव ने कहा कि कुंभ सदियों से सत्ता किसी की भी हो इसके बावजूद एक ही तरह से आयोजित किया जाता रहा है लेकिन वर्तमान में इसे बहुत ज्यादा प्रचारित किया गया कि यह 144 साल में पहली बार आ रहा है। उन्होंने टीवी चैनलों से यह भी सुना है कि 100 करोड़ लोगों के इसमें आने की संभावना है। सपा नेता ने डबल इंजन सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार दावा करती है कि निवेश से जुड़े आयोजन में 40 लाख करोड़ के समझौते हुए। वे पूछना चाहते हैं कि इनमें से कितने जमीन पर उतरे हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की सांसद और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने मंगलवार को एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में कुंभ में मची भगदड़ की घटना इतनी बड़ी नहीं थी जितना इसे दिखाया बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का प्रबंधन बहुत अच्छी तरह से किया जा रहा है।
बता दें कि 29 जनवरी मौनी अवमस्या के दिन महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 लोग घायल हुए थे। हेमा मालिनी ने कहा कि हम कुंभ गए थे, हमने अच्छे से स्नान किया। हर तरफ अच्छा प्रबंधन था। हां कुछ वहां भगदड़ मची लेकिन इतना कुछ बड़ा नहीं हुआ था। इसे बढ़ा चढ़ाकर बताया गया। वहां बहुत सारे लोग आ रहे हैं। इतनी भीड़ को नियंत्रित करना कठिन होता है लेकिन हम अच्छे से मैनेज कर रहे हैं। बता दें कि भगदड़ के दिन ही हेमा मालिनी ने भी संगम में डुबकी लगाई थी।